

मुंबई: भारी बारिश ने तीसरे दिन भी मुंबईकरों की परेशानी बढ़ा दी. लगातार तीसरे दिन शहर के निचले इलाकों में पानी भर गया जिसके बाद प्रशासन की तैयारियों पर सवाल उठ रहे हैं. मुम्बई के ऐसे कई निचले इलाके हैं जहाँ पर लगातार तीसरे दिन भारी बारिश ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी. हिंदमाता से लेकर मिलन सबवे तक, निचले इलाकों में हर साल की तरह इस साल भी जल जमाव का असर देखने मिला. पानी भरने के कारण लोग परेशान नज़र आए. हालांकि मौके पर बीएमसी के कर्मचारी ज़रूर मौजूद थे पर सड़कों पर पानी पूरी तरह भर चुका था.
भारी बारिश के साथ समुद्र में आई 4.63 मीटर ऊंची लहरों ने परेशानी और बढ़ा दी. समुद्री किनारे रहने वाले मछुआरे भी इस बारिश से परेशान नज़र आए. कोलाबा में रहने वाले मछुआरे लगातार बारिश के कारण अपने घरों में जलभराव की आशंका के चलते लगातार स्थानीय प्रशासन की मदद ले रहे हैं. एक स्थानीय मछुआरे ने कहा, ‘पिछले 3 दिनों से भारी बारिश हो रही है. हम अपनी सुरक्षा को लेकर डरे हुए हैं. हम निचले इलाकों में रहते हैं. प्रशासन को हमारी मदद करनी चाहिए.’
मौसम विभाग की ओर से मिले चेतावनी के बावजूद शहर में जिस तरह के हालात हो रहे हैं उसे देखते हुए बीएमसी प्रशासन पर सवाल उठता है कि करोड़ों रुपये खर्च करने के बावजूद भी वो इसका समाधान क्यों नहीं निकाल सके? प्रशासन की ओर से मानसून के लिए पूरी तरह तैयार होने का दावा भी किया गया था पर मुंबई की यह हालत कुछ और ही दास्तान बयान करती हैं. मानसून ने शहर में लगभग एक महीने की देरी से दस्तक दी पर इसके बावजूद जो हालात हैं उससे बीएमसी के दावों की पोल खुलती नज़र आ रही है.