पालघर। जिले के पालघर तहसील के रसूखदार तहसीलदार के स्थानांतरण को लेकर भाजपाइयों समेत तमाम सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा धरना एवं रोष प्रकट करने का सिलसिला शुरु हो चुका है। विवादित तहसीलदार सुनील शिंदे की पुनः तैनाती गैर जिम्मेदाराना नजर आ रही है। लोगों का मत है कि एक जिम्मेदार पद पर बैठा अधिकारी का आम जनता से की गयी अमानवीय कृत्य क्या सरकार में बैठे लोगों को शोभा देती है।
ज्ञातव्य रहे कि लाँकडाऊन के बीच हाल बेहाल परेशान प्रवाशी मजदूरों को घर वापसी को लेकर शासन द्वारा चलाई जा रही श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के लिए प्रवाशी मजदूरों को पालघर से उत्तर प्रदेश हेतु तीन श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को पिछले महीने 20 मई को जाने की जिला प्रशासन द्वारा सूचनाएं प्रसारित करते हुए पालघर के आर्यन हाईस्कूल में लोगों को टोकन के जरिए ट्रेनों से भेजने की व्यवस्था बनाई गयी थीं। लेकिन प्रवाशी मजदूरों की घर वापसी के लिए पहुँची भारी भीड़ और चिलचिलाती धूप में बंद इ़ंताजामी के बीच मौके पर ट्रेन यात्रा की जायजा लेने पहुंचे रसूखदार तहसील शिंदे साहब एक प्रवाशी मजदूर के जरुरी सवालों पर बिफरते ही पहले चांटा जढ़ते और पीछे हटते पीठ पर लात मारते वीडियो बना रहे कुछ लोगों के कैमरे में कैद हो गये।
मसलन आपा खोते हुए वीडियो की तस्वीर दुसरें दिन 21 मई को मीडिया की सुर्खियां बन हेडलाईन एवं ब्रेंकिंग न्यूज बन गयी। आननफानन में तहसीलदार को 22 मई को अनिवार्य छुट्टी पर भेजते हुए नये तहसीलदार अयुब तंबोली को चार्ज देने के बाद फिर से विवादित शिंदे को पुनः वापस पद पर शोभायमान बना दिया गया।
भाजपा पालघर की ओर से गुरुवार को सांकेतिक धरना का आयोजन नियमानुसार पालघर तहसील मुख्यालय पर करते हुए रसूखदार तहसीलदार को अविलंब हटाने की मांग की गयी। धरने में पूर्व विधायक पास्कल धनारे,जिला महासचिव संतोष जनाठे, सुजीत पाटील, तेजराज सिंह हजारी,प्रमोद आरेकर
,शशांक राऊत, हरिश्चंद्र पाटील, निघेश देसले शेखर तामोरे,विजय तामोरे, भूषण पाटील, निमीष शुक्ला, शिरीष संखे,अभय दारूवाला,रंजना तिवारी,दिनेश परदेशी, स्वपनिल किनी सम्मिलित हुए।