

- विकास परक निर्माण कार्यों में लापरवाही क्षम्य नही -डीएम
- बुद्ध थीम पार्क के निर्माण कार्यों की गुणवत्ता पर कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए उपजिलाधिकारी व लोकनिर्माण अधिशासी अभियंता क़ो जाँच क़र रिपोर्ट प्रेषित करने का निर्देशित दिया
कसया/कुशीनगर। जिलाधिकारी कुशीनगर उमेश मिश्रा ने बुधवार क़ो तहसील क्षेत्र कसया अंतर्गत हो रहे पर्यटन विकास कार्यों के दृष्टिगत निर्माणाधीन बुद्ध थीम पार्क और बुद्धा घाट स्थित पाथवे के निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया ।
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी द्वारा बुद्ध थीम पार्क के निर्माण कार्यों में उपयोग हो रहे ईंट, सरिया की गुणवत्ता पर कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए उपजिलाधिकारी कसया को निर्देशित किया कि आप और लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता संयुक्त रूप से निर्माण कार्य में उपयोग हो रहे सामग्रियों तथा ईंट ,सरिया आदि के सैंपल लेकर गुणवत्ता की जांच कराकर मेरे समक्ष प्रस्तुत करें । निर्माण हो रहे टॉकिंग ट्री के बारे में भी जानकारी ली।जिलाधिकारी द्वारा कार्यदायी संस्था यूपीपीसीएल के अभियंता से डिजाइन और पार्क के क्षेत्रफल के बारे में जानकारी लेते हुए इसके संपूर्ण विवरण पुनः प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा की पार्क का क्षेत्रफल बहुत कम है। अतः उपजिलाधिकारी कसया को किसानों से वार्ता कर और मैत्री परियोजना में प्रयुक्त भूमि की जांच कर के रकबा व क्षेत्रफल के विस्तारीकरण हेतु निर्देशित किया।
तत्पश्चात जिलाधिकारी द्वारा कुशीनगर स्थित बुद्ध घाट हिरण्यावती नदी के आसपास हो रहे पर्यटन विकास निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया गया।निरीक्षण के दौरान हिरण्यावती नदी में पानी में उगे हुए घासों (खरपतवार) को देखते हुए नाराजगी व्यक्त की गई एवं उप जिलाधिकारी कसया तथा नगर पालिका अध्यक्ष कुशीनगर को घाटों के नियमित साफ सफाई हेतु स्थाई रूप से सफाई कर्मी की ड्यूटी लगाने तथा बोट (नाव) से साफ सफाई कराने हेतु निर्देशित किया।
जिलाधिकारी ने हिरण्यावती नदी के घाटों के दोनो तरफ हो रहे पाथवे के निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान पाथ वे में प्रयोग हो रही ईंटो की गुणवत्ता और निर्माणाधीन कमजोर कंक्रीट रेलिंग के निर्माण पर नाराजगी वयक्त करते हुए कार्यदायी संस्था के अंतर्गत के0 के0 कंस्ट्रक्शन के अवर अभियंता पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा की निम्न स्तर के निर्माण कार्य कतई स्वीकार नही किए जायेंगे, जो निर्माण आपके संस्था के द्वारा कराए जा रहे है उसकी गुणवत्ता मानक के अनुरूप और अच्छी होनी चाहिए। एक पर्यटक के रूप में सोचे और पर्यटन के दृष्टिकोण से हो रहे विकास परक निर्माण कार्यों में कतई लापरवाही क्षम्य नही होगी। अन्त में पाथवे के बीच में आ रहे पोल को हटाने हेतु भी निर्देश दिए गए।तत्पश्चात जिलाधिकारी द्वारा राजकीय बौद्ध संग्रहालय का भी निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी द्वारा अभय मुद्रा में बुद्ध की प्रतिमा , प्रस्तर, ब्लेड प्रस्तर, अंजन लगाने की शलाकाए, गैरिक मृदभांड, काली मृद् भांड के टुकड़े, शुंग काल की मृण मूर्तियां, मथुरा कला व गांधार कला में निर्मित बुद्ध की मूर्तियों के अवशेषों ,कुषाण काल की इस्तिकाए तथा ध्यान मुद्रा में महात्मा बुद्ध की स्थापित प्रतिमा को देखते हुए राजकीय बौद्ध संग्रहालय अध्यक्ष को अन्य जनपदों से बुद्ध से जुड़ी पुरातात्विक अवशेष व बुद्ध की प्रतिमाएं लाने हेतु निर्देशित किया।
निरीक्षण के दौरान उपजिलाधिकारी कसया योगेश्वर सिंह, तहसीलदार कसया नरेंद्र राम , क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी प्राण रंजन, राजकीय बौद्ध संग्रहालय अध्यक्ष अमित द्विवेदी, न0पा0प0 अध्यक्ष प्रतिनिधि राकेश कुमार जायसवाल , राजस्व निरीक्षक बृजेश मणि , लेखपाल निलेश रंजन राव आदि सहित जनपद व तहसील स्तरीय अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।