Reported By: न्यूज अड्डा डेस्क
Published on: Dec 24, 2020 | 8:55 AM
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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में मौजूदा ग्राम प्रधानों (Gram Pradhan) का कार्यकाल 25 दिसंबर को रात 12 बजे के बाद खत्म हो जाएगा. इसके साथ ही पंचायत प्रतिनिधियों के अधिकार भी खत्म हो जाएंगे. 25 दिसंबर के बाद ग्राम प्रधान कोई नया काम नहीं कर पाएंगे. ग्राम प्रधान गांवों में वही काम करा पाएंगे जो पहले से चल रहे हैं. साफ है कि उनका वित्तीय अधिकार खत्म हो जाएगा. इसके लिए शासनादेश जारी कर दिया गया है. निर्देश सभी जिलाधिकारियों को भेज दिए गए हैं. प्रधानों का कार्यकाल समाप्त होते ही अधिकार पंचायती राज अधिनियम (Panchayati Raj Act) के तहत पंचायत विभाग के अधिकारियों के जिम्मे आ जाएगा.
गौरतलब है कि 25 दिसंबर से पहले चुनाव हो जाना चाहिए था, लेकिन कोरोना संकट की वजह से चुनाव में देरी हो गई. अब मार्च में चुनाव कराए जाने के संकेत मिल रहे हैं. पंचायतों के परिसीमन और मतदाता पुनरीक्षण का काम चल रहा है. बताते चलें कि निर्वाचित होने के बाद ग्राम प्रधानों को पंचायती राज विभाग की ओर से एक बस्ता दिया जाता है, जिसमें उनसे संबंधित सभी प्रकार के अभिलेख समेत वित्तीय लेनदेन के लिए डोंगल, स्वच्छ भारत मिशन में इस्तेमाल होने वाली चेकबुक समेत अन्य समाग्री होती हैं. बस्ता जमा होते ही प्रधान का डोंगल डि-एक्टिवेट कर दिया जाएगा. 25 दिसंबर को कार्यकाल खत्म होने के बाद ग्राम प्रधानों का अपना बस्ता पंचायती राज विभाग में जमा करना होगा. इसके बाद वह कोई भी वित्तीय एवं प्रशासनिक कामकाज नहीं निपटा सकेंगे.
बहरहाल, ग्राम प्रधानों का कार्यकाल 25 दिसंबर को खत्म होगा, तो क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत का कार्यकाल क्रमश: 14 जनवरी और 18 मार्च को समाप्त हो रहा है. आपको बता दें कि पिछली बार ग्राम प्रधान व ग्राम पंचायत सदस्य के चुनाव एक साथ हुए थे. क्षेत्र पंचायत सदस्य व जिला पंचायत सदस्य के चुनाव अलग से हुए थे. हालांकि इस बार समय बचाने के लिए चारों पदों के चुनाव एक साथ कराने की तैयारी है. साफ है कि इस बार एक मतदाता को चार बैलेट पेपर पर मुहर लगानी होगी. हालांकि पोलिंग स्टेशन पर ग्राम प्रधान-ग्राम पंचायत सदस्य और बीडीसी-जिला पंचायत सदस्य के लिए अलग-अलग बूथ बनाए जाएंगे.
Topics: अड्डा ब्रेकिंग सरकारी योजना