Reported By: न्यूज अड्डा डेस्क
Published on: Jul 20, 2020 | 6:52 AM
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कोरोना संकट के बीच स्कूलों को खोलने का फैसला अब अभिभावकों की राय से ही होगा। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने फिलहाल यह फैसला अभिभावकों पर ही छोड़ने का निर्णय लिया है। इसके तहत अभिभावकों को बताना होगा कि वह स्कूल कब खुलवाना चाहते हैं- अगस्त, सितंबर या फिर अक्टूबर में। साथ ही स्कूलों के खुलने के बाद उनकी स्कूलों से क्या अपेक्षाएं होंगी।
मंत्रालय की इस कवायद को एक अगस्त से अनलॉक- 3 की गाइडलाइन से भी जोड़कर देखा जा रहा है। वैसे भी अनलॉक-2 के तहत जारी गाइडलाइन की समयसीमा 31 जुलाई तक ही है जिसमें स्कूलों को बंद रखने के निर्देश थे। ऐसे में मंत्रालय की इस कवायद को काफी अहम माना जा रहा है।
माना जा रहा है कि इसके आधार पर ही अनलॉक-3 में स्कूलों के खोलने को लेकर आगे की रणनीति तैयार की जाएगी।
अभिभावकों से पूछे जानें हैं तीन सवाल
मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्कूली शिक्षा सचिवों को पत्र लिखकर अभिभावकों से स्कूलों के खोलने को लेकर राय जानने को कहा है। इसमें अभिभावकों से तीन सवाल ही पूछने हैं। पहला- स्कूलों को वह अगस्त, सितंबर या अक्टूबर 2020 कब खुलवाना पसंद करेंगे। दूसरा-स्कूलों के खुलने के बाद उनकी स्कूलों से क्या अपेक्षाएं होंगी। तीसरा- वह इसे लेकर अपनी कोई भी स्वतंत्र राय दे सकते हैं। मंत्रालय ने राज्यों से अभिभावकों की राय से जुड़ी यह पूरी रिपोर्ट 20 जुलाई तक देने को कहा है।
मंत्रालय से जुडे़ सूत्रों की मानें तो इस रायशुमारी से साफ है कि स्कूलों के खोलने का फैसला अब और आगे बढ़ सकता है, क्योंकि कोरोना संक्रमण की अभी जो रफ्तार है, उसमें कोई भी अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजना चाहेगा। ऐसे में स्कूलों को खोलने का फैसला अक्टूबर तक जा सकता है। हालांकि अब तक स्कूलों को अगस्त से ही खोलने की बात चल रही थी। बता दें कि कोरोना महामारी के खतरे को देखते हुए स्कूल इस साल मार्च से ही बंद हैं। इसके चलते इस बार पूरी परीक्षाएं भी नहीं हो पाई थीं। बाद में आंतरिक आकलन के आधार पर रिजल्ट घोषित किया गया।
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