Reported By: न्यूज अड्डा डेस्क
Published on: May 14, 2020 | 4:44 PM
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नयी दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लॉकडाउन के दौरान करीब 8 करोड़ प्रवासी मजदूरों को सुगमतापूर्वक खाद्यान्न उपलब्ध कराने के लिए ‘वन नेशन वन राशन कार्ड’ जारी करने का ऐलान किया है. सरकार ने इसका खाका पिछले साल के दिसंबर महीने में ही तैयार कर लिया था, जिसमें राज्यों को तैयार मानकों के आधार पर नया राशन कार्ड जारी करने का निर्देश दिया था. फिलहाल, सरकार ने प्रवासी मजदूरों द्वारा किसी भी राज्य का राशन कार्ड किसी दूसरे राज्य में दिखाकर राशन लेने के लिए इसे मार्च 2021 तक लागू करने का ऐलान किया है.
गुरुवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने करीब 8 करोड़ प्रवासी कामगारों को अगले दो महीने के लिए मुफ्त अनाज उपलब्ध कराने की घोषणा की. इसके लिए 3,500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज की दूसरी किस्त की घोषणा करते हुए उन्होंने कहा कि जिन 8 करोड़ प्रवासी मजदूरों के पास कोई भी राशन कार्ड नहीं है, उन्हें 5 किलो गेहूं या चावल प्रति व्यक्ति और एक किलो चना प्रति परिवार दो महीने तक मुफ्त मिलेगा.
इस मौके पर वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि इसके साथ ही राशन कार्ड को ‘पोर्टेबल’ बनाया जाएगा. यानी प्रवासी मजदूर अपने राशन कार्ड का किसी भी राज्य में उपयोग कर सकेंगे. वित्त मंत्री ने कहा कि इससे 23 राज्यों में अगस्त तक 67 करोड़ लाभार्थी या सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के दायरे में आने वाले 83 फीसदी लाभार्थी इस सुविधा का लाभ उठा सकेंगे. उन्होंने कहा कि मार्च 2021 तक ‘वन नेशन, वन राशन कार्ड’ की व्यवस्था’ को पूरी तरह से लागू कर दिया जायेगा.
बता दें कि वन नेशन वन राशन कार्ड का खाका सरकार ने बीते साल के दिसंबर महीने में ही तैयार कर लिया था और इसका मानक प्रारूप तैयार करते हुए राज्यों को नया राशन कार्ड जारी करने के लिए नये मानक को अपनाने के निर्देश दिये गये थे. उस वक्त सरकार ने पूरे देश में एक जैसे राशन कार्ड जारी करने की पहल के तहत छह राज्यों में पायलट प्रोजेक्ट भी चालू किया था. केंद्र सरकार ने इस योजना को एक जून, 2020 से पूरे देश में लागू करने की योजना बनायी थी, लेकिन अब इसकी समयसीमा बढ़ाकर मार्च 2021 कर दिया गया है.
‘वन नेशन, वन राशन कार्ड’ योजना के पूरे देश में लागू होने के बाद कोई भी कार्डधारक राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून (एनएफएसए) के तहत किसी भी राज्य की राशन की दुकान से अपना राशन ले सकेगा. खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, राष्ट्रीय स्तर पर राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी लक्ष्य को हासिल करने के लिए यह जरूरी है कि विभिन्न राज्य और केंद्र शासित प्रदेश जो भी राशन कार्ड जारी करें, वे सभी एक मानक प्रारूप में हों. इसीलिए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत राशन जारी करने के लिये मानक प्रारूप जारी किया गया है, जिसे अब अमलीजामा पहनाया जा रहा है.