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कुशीनगर: वायरल बुखार का प्रकोप पकड़ा तेजी, सहमे नही ईलाज करावे

Surendra nath Dwivedi

Reported By:
Published on: May 10, 2021 | 2:05 PM
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कुशीनगर: वायरल बुखार का प्रकोप पकड़ा तेजी, सहमे नही ईलाज करावे
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कुशीनगर । कोरोना संक्रमण के बीच लोग अब वायरल फीवर का शिकार हो रहे हैं। कस्बो से लेकर गावो तक बुखार का प्रकोप फैला है। अस्पतालों में काफी संख्या में मरीज पहुंच रहे हैं। वायरल बुखार को कोरोना समझ कर लोग सहमे हुए हैं। हालांकि डाक्टरों का कहना है कि सामान्य खांसी-बुखार को लेकर कोरोना का भ्रम न पालें। मौसमी बदलाव के कारण वायरल बुखार फैल रहा है। इसमें घबराने की नहीं, इलाज कराने की जरूरत है।
कस्बो से लेकर देहात तक घर-घर लोग वायरल बुखार से पीड़ित हैं। कोरोना के डर से लोग सरकारी अस्पतालों के साथ ही निजी चिकित्सकों के पास वायरल फीवर का इलाज कराने पहुंच रहे हैं। सीएचसी तमकुही ओपीडी में 150 से 200 मरीज प्रतिदिन आ रहे हैं। निजी चिकित्सकों के यहां 50 से 60 मरीज वायरल फीवर के पहुंच रहे हैं। सीएचसी तमकुही के डॉ. संजय कुमार ने बताया की इन दिनों ओपीडी में बुखार के मरीज बढ़ रहे हैं। हालांकि लक्षणों के आधार पर कोरोना की जांच कराई जाती है, लेकिन जांच में निगेटिव आने पर पता चलता है कि नार्मल फ्लू है। ऐसे में किसी को बुखार या खांसी या अन्य दिक्कत हो रही है तो डरने की जरूरत नहीं हैं। ये मौसमी वायरल हो सकता है। उन्होंने बताया कि नार्मल फ्लू में सर्दी, जुकाम, बदन दर्द, बुखार जैसे लक्षण होते हैं, जबकि कोरोना वायरस की वजह से सूखी खांसी, सांस लेने में दिक्कत, गले में चुभन जैसी परेशानी होती है। इसके अलावा गंध और स्वाद महसूस न होना भी कोरोना का लक्षण है। मरीज की सुनने की क्षमता पर भी प्रभाव पड़ सकता है। ऐसे में घबराएं नहीं। सीएचसी तमकुही के प्रभारी बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. अभिषेक वर्मा बताते हैं कि ऐसे मौसम में बच्चों का खास ख्याल रखने की जरूरत है। अगर घर में कोई सदस्य वायरल से पीड़ित है तो बच्चे को उसके संपर्क में न आने दें, क्योंकि बच्चे वायरल के जल्दी शिकार हो जाते हैं। कूलर, एसी में बच्चों को न सुलाएं। अगर कोई बच्चा बुखार से पीड़ित है तो उसे तुरंत ही चिकित्सक को दिखाएं। सीएचसी तमकुही के पूर्व अधीक्षक डा. राकेश कुमार गुप्ता ने बताया कि रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्युनिटी) बढ़ाने के चक्कर में स्वास्थ्य से खिलवाड़ न करें। विटामिन-सी की 500 एमजी की दो गोली, जिंक की 20 एमजी की एक गोली का ही प्रति दिन सेवन करना ठीक है। एंटीबायोटिक या अन्य किसी दवा का सेवन बिना चिकित्सक की सलाह के करना हानिकारक हो सकता है। मल्टीविटामिन गोलियों का सेवन भी लंबे समय तक न करें। काढ़ा भी संतुलित मात्रा में ही पिएं। एक दिन में इम्युनिटी नहीं बढ़ती है। इसके लिए नियमित व्यायाम करें, पौष्टिक आहार लें, तनाव दूर रखें, समय पर भोजन करें और पूरी नींद लें। आर्युवेद चिकित्सक डा. प्रियंका सिंह ने बताया कि इम्युनिटी बढ़ाने के लिए आयुष मंत्रालय द्वारा बताए गए काढ़े का सेवन आयुष चिकित्सक की सलाह के अनुसार ही करे। अपने अनुसार काढ़ा कदापि न ले, अगर शरीर में ये 5 लक्षण नाक से खून आना,मुंह में छाले होना, पेट में जलन या दर्द होना, पेशाब में जलन होना, अपच और पेचिश होना दिख रहे हैं, तो चिकित्सक को जरूर दिखाए ।

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