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हाटा: वातावरण के हिसाब से उन्नतशील बीज की उपलब्धता कराना ही प्राथमिकता: जयंत नार्लीकर

Ved Prakash Mishra

Reported By:
Published on: Feb 27, 2021 | 7:05 PM
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हाटा: वातावरण के हिसाब से उन्नतशील बीज की उपलब्धता कराना ही प्राथमिकता: जयंत नार्लीकर
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  • वातावरण के हिसाब से उन्नतशील बीज की उपलब्धता कराना ही प्राथमिकता: जयंत नार्लीकर
  • किसानों की आय दोगुनी करने के लिए सरकार संकल्पित: पवन केडिया

हाटा/कुशीनगर | सरकार की सभी योजनाओं का केन्द्र बिन्दु किसान है। बीते वर्ष किसानों के खेतों में जल भराव व जल प्लावन से किसानों की गन्ना खेतों में ही सूख गयी जिससे किसानों की अपूर्णनीय क्षति हुई है। उक्त बातें स्थानीय नगर पालिका परिषद स्थित सहकारी गन्ना समिति हाटा के परिसर में आयोजित गन्ना कृषक गोष्ठी/चौपाल कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि मंडलायुक्त गोरखपुर जयंत नार्लीकर ने कहीं।आयुक्त ने कहा कि उक्त क्षति दोबारा ना हो इसके लिए हम जनपद के सभी 84 ट्रेन की सफाई/खुदाई कराने के लिए प्रस्ताव तैयार करा लिए हैं, गन्ना शोध संस्थान के गन्ना वैज्ञानिकों का कहना है कि जनपद कुशीनगर में अगैती प्रजाति की गन्ना 0238 का क्षेत्रफल 80 प्रतिशत हो जाने की वजह से उक्त गन्ना में रेड राड (उकठा रोग) नामक रोग लग रहा है जिससे खेतों में खड़ी गन्ना सुख जा रही है। आवश्यकता है की उक्त प्रजाति की बुवाई का क्षेत्रफल घटाकर दूसरी उन्नतशील गन्ना प्रजाति का बुवाई किया जाय। हम 2021 मे विज्ञान,प्रौद्योगिकी और गन्ना शोध संस्थान के माध्यम से वातावरण का इंतजार नहीं करेंगे बल्कि हर किसान के पास उन्नत सील किस्म के बीज की आपूर्ति करने का प्रयास करेंगे। मण्डलायुक्त नार्लीकर ने आगे कहा कि सरकार के पास दो ऐसी योजनाएं हैं जिनके माध्यम से अमूल चूल परिवर्तन किया जा सकता है पहली योजना मनरेगा है तो वहीं दूसरी योजना एन आर एल एम है। प्रदेश के मुखिया के मुताबिक पंक्ति में सबसे पीछे बैठे व्यक्ति को इन्हीं दो योजनाओं के माध्यम से लाभ पहुंचाकर उनके आर्थिक स्थिति में सुधार किया जा सकता है और उनकी आय को दोगुनी किया जा सकता है। सरकार मनरेगा योजना के तहत समाज के सबसे पिछड़े आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्ति को लाभ पहुंचाने के लिए कार्य कर रही है। कार्यक्रम स्थल पर गन्ना विभाग व कृषि विभाग द्वारा लगाए गए प्रदर्शनी का निरीक्षण करते हुए मंडलायुक्त जयंत नार्लीकर ने किसानों को जागरूक करने के लिए प्रदर्शनी की उपयोगिता को बताते हुए जिलाधिकारी कुशीनगर एस राज लिंगम से कहा कि जनपद स्तरीय तहसील दिवसों में तहसील प्रांगण में गन्ना विभाग व कृषि विभाग से संबंधित प्रदर्शनी लगाया जाय जिससे तहसील दिवस में आने वाले किसान प्रदर्शनी को देखकर जागरूक हो तथा सरकार द्वारा चलाई जा रही जन उपयोगी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठा सकें। मण्डलायुक्त ने कहा की इस गन्ना समिति का वर्ष 1996-97 का गन्ना मूल्य सरैया शुगर फैक्ट्री सरदार नगर पर बकाया है, जिसके लिए मुख्यमंत्री जी स्वयं रूचि लेते हुए सरैया शुगर फैक्ट्री के सरदार नगर से हेतिमपुर तक ट्रांबे लाइन को रेल लाइन बनाकर उक्त भूमि से मिलने वाली मवाजा राशि को जारा एक समिति गठित कर किसानों के गन्ना बकाया मूल्य का भुगतान कराने हेतु संज्ञान लिया है। उक्त के संदर्भ में सरैया ग्रुप के मजीठिया से हमारी बात हुई थी इसी महीने के अंत तक कुछ निष्कर्ष भी निकल जायेगा।
गोष्ठी को संबोधित करते हुए स्थानीय विधायक पवन केडिया ने कहा कि केन्द्र व प्रदेश की सरकार किसानों कि आय को दोगुनी करने के लिए संकल्पित है। उन्होंने केन्द्र सरकार द्वारा किसानों के हित में चलाई गई किसान सम्मान निधि योजना, किसान फसल बीमा योजना आदि योजनाओं का वर्णन किया। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए जिलाधिकारी कुशीनगर एस राजलिंगम ने कहा की जलभराव व रेड राड से निपटने के लिए जनपद में 84 ड्रेन चिन्हित किए गए जिसमें 48 बड़ी ड्रेन बाढ़ खण्ड से तथा 36 ड्रेन मनरेगा योजना के तहत खुदाई कराने की कार्ययोजना बना ली गई है। हम बाढ़ खण्ड विभाग से कहेंगे कि बजट का इंतजार ना करें।ड्रेनों की खुदाई/सफाई का कार्य शुरू करा दें उसका भुगतान भी मनरेगा से कराया जायेगा। जिलाधिकारी ने एपीओ(स्वयं सहायता समूह गठन) का मतलब केवल किसान को संगठित करना ही नहीं है बल्कि सक्रियता से कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी कहा कि मनरेगा योजना का लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए हम विकास विभाग और राजस्व विभाग से सर्वे कराकर पात्र व्यक्ति को बागवानी,समतलीकरण, खेत को तालाब बनाकर सिंचाई करना, तालाब में मत्स्य पालन करना, वृक्षारोपण करना आदि योजनाओं के माध्यम से सीमांत कृषक,अनुसूचित जाति के लाभार्थी,बीपीएल लाभार्थी आदि पात्रों को व्यक्तिगत योजनाओं का लाभ पहुंचायेंगे। गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए उप गन्ना आयुक्त उषा पाल ने कहा की इस वर्ष गन्ना किसानों का 56% भुगतान हो चुका है जिसमें रामकोला फैक्ट्री 90%,ढ़ाढ़ा फैक्ट्री 70%,सेवरही फैक्ट्री 43% तथा कप्तानगंज फैक्ट्री 5% भुगतान किया है।कप्तानगंज फैक्ट्री पिछले वित्तीय वर्ष का बकाया भी भुगतान किया है,इसी वजह से वहां इस वर्ष कम भुगतान हो पाया है। गोष्ठी को संयुक्त कृषि निदेशक, डीसी मनरेगा प्रेम प्रकाश त्रिपाठी समिति के पूर्व चेयरमैन विवेक सिंह उर्फ बंटी सिंह, किसान पारसनाथ सिंह, विराट लाल श्रीवास्तव,हरि गोविंद मिश्र, सुभाष पाण्डेय, अशोक मिश्र आदि ने भी संबोधित किया।

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