Reported By: न्यूज अड्डा डेस्क
Published on: Sep 3, 2023 | 7:52 PM
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पडरौना/कुशीनगर।नगर के एक निजी रेस्टोरेंट में रंग-ए-सुखन का आयोजन किया गया। जिसमें जनपद के मशहूर कवियों एवं शायरों के अलावा अन्य जनपद के कवियों एवं शायरों ने अपनी-अपनी रचनाओं को सुनाकर श्रोताओं को मुग्ध कर दिया।
प्रसिद्ध हिन्दी व उर्दू के कवियों और शायरों ने अपनी-अपनी रचनाओं को पेश किया और अपने विचार, संकल्पनाएँ तथा कविताओं से श्रोताओं का खूब मनोरंजन किया। रंग-ए-सुखन का आगाज रियंका मद्धेशिया ने अपनी रचना मैंने कब कहा कि थोड़ा आसमान दो मुझे,आसमा का बस एक कोना मुझे चाहिए।
उसके बाद अर्शी बस्तवी ने अपनी रचना जो बे शऊर हैं सर पर बिठाए जाते हैं,हम अहले ज़र्फ सदा आज़माए जाते हैं ने अपनी कविता पढ़ी।इसी क्रम में उभरते हुए कवि एवं शायर वकार वाहिद ने अपनी कविता सुला तो लेगी मां बच्चे को लेकिन, खिलौना ख़्वाब में आता रहेगा ने खूब वाहवाही लूटी। कविता एवं शायरी के क्रम में गोरखपुर से आए प्रसिद्ध कवि प्रदीप मिश्रा ने अपनी रचना उन्हें सोना बनाया जा रहा है,इधर हम खुद को पारस कर रहे हैं से श्रोताओं को खूब प्रभावित किया।
नूरुद्दीन नूर ने अपनी रचना जब से अपनों से कट गया हूँ मैं,खुद से खुद में सिमट गया हूँ मैं से शमा बांधे रखा।
जनपद की उभरती हुई कवयित्री रूबी गुप्ता ने अपने शेर आशिकी का हाल साहब और बेहतर हो गया,जाम जो आंखो से पी थी आबे कौसर हो गया से अपनी जबरदस्त उपस्थिति दर्ज़ कराई।
इसी क्रम में डॉ. इम्तियाज समर ने अपनी रचना अपने हमदम को सितमगर नहीं बोला करते,जान- ए-मन मोम को पत्थर नही बोला करते से श्रोताओं को खूब प्राभावित किया।
जनपद के वरिष्ठ कवि आर.के.भट्ट “बावरा” ने अपनी रचना जितनी भी कहानी पढ़ा-सुना, राजा रानी का होता है,कोई उनकी भी तो बात करें,जो शाम को भूखा सोता है से श्रोताओं को भाऊक कर दिया।
इस अवसर पर अन्य कवियों और शायरों ने अपनी अपनी रचनाओं को सुनाया जिनमें मुख्य रूप से मासूम मिर्जा,जय कृष्ण शुक्ल,आदि शामिल हैं।
कार्यक्रम की अध्यक्षता मशहूर शायर अर्शी बस्तवी,संचालन वकार वाहिद तथा आभार ज्ञापन आर.के.भट्ट “बावरा” ने किया।
इस अवसर पर जिलाध्यक्ष कांग्रेस मनोज सिंह,आनंदमणि त्रिपाठी,आफताब आलम,सचिंद्र दीक्षित, अख्तर अली,आदि उपस्थित रहे।
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