Reported By: न्यूज अड्डा डेस्क
            
                Published on: Sep 30, 2024 | 6:27 PM            
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                        कुशीनगर।जनपद की छह ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त घोषित किया गया है. इन गावों में टीबी का एक भी मरीज नहीं है। इन सभी ग्राम पंचायतों के प्रधानों को जिलाधिकारी द्वारा आगामी गांधी जयंती (दो अक्टूबर) के मौके पर गांधी जी की कास्य रंग की प्रतिमा एवं प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित किया जाएगा. और टीबी मुक्त गांव होने की विधिवत घोषणा की जाएगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच है कि वर्ष 2025 तक देश को टीबी (क्षय) रोग से मुक्त किया जाए. संकल्प को पूरा करने के लिए राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) के तहत टीबी मुक्त ग्राम पंचायत अभियान चलाया गया, जिसके तहत इन ग्राम पंचायतों का चयन किया गया है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सुरेश पटारिया ने बताया कि पंचायतों की टीबी मुक्ति की घोषणा से पहले कई मानकों की जांच की गई। इस क्रम में प्रति हजार आबादी पर 30 संम्भावित टीबी मरीजों की जांच, प्रति एक हजार की आबादी पर एक टीबी मरीज का पंजीकरण होने पर, कम से कम 60 फीसद मरीजों की ड्रग सेंस्टिवटी की जांच हो चुकी हो.इस कार्य में स्वास्थ्य विभाग के सभी अधिकारी, चिकित्सा अधिकारी और क्षय कर्मी तन मन से लगे रहे।
टीबी मुक्त होने वाली ग्राम पंचायतें :-
कप्तानगंज ब्लाॅक का देउरवा व कोटवा, पडरौना का बहादुरगंज, विशुनपुरा का बाबूराम, व भुजौली तथा सेवरही ब्लॉक का बनवरिया गांव सूची में शामिल हैं।
टीबी के लक्षण
टीबी से बचने को बरतें सावधानी: टीबी की बीमारी जीवाणु से होती है। यह अधिकतर फेफड़ों को प्रभावित करती है। टीबी शरीर के किसी भी अंग में हो सकती है। फेफड़ों की टीबी संक्रामक होती है। यह हवा के जरिए एक से दूसरे व्यक्ति में फैलती है। इसलिए यदि टीबी रोगी के संपर्क में कोई व्यक्ति आए तो वह मास्क का प्रयोग करे। एक क्षय रोगी यदि मास्क का प्रयोग करता है तो वह 10 से 12 लोगों को संक्रमण से बचा सकता है।
Topics: कुशीनगर समाचार पड़रौना