Reported By: न्यूज अड्डा डेस्क
Published on: Jul 14, 2020 | 9:47 AM
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राजस्थान में पिछले कुछ दिनों से चल रहे घमासान के बीच मंगलवार को बड़ा उलटफेर देखने को मिला। कांग्रेस ने अनुशासनात्मक कार्यवाही करते हुए बागी सचिन पायलट को डिप्टी पद से हटा दिया साथ ही उनकी प्रदेश अध्यक्ष के पद से भी छुट्टी कर दी गयी।
मंगलावर को कांग्रेस विधायक दल की बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए हैं। काफी मंथन के बाद विधायक दल की बैठक में अनुपस्थित विधायकों पर अनुशासनात्मक कार्यवाही का प्रस्ताव पारित किया गया है। उसके बाद प्रदेश कांग्रेस कमेटी के चीफ और डिप्टी सीएम के पद से सचिन पायलट को हटा दिया गया।
कांग्रेस केवल सचिन पायलट को हटाने पर ही शांत नहीं हुई। पार्टी ने पायलट के समर्थक मंत्रियों को भी हटा दिया है। सचिन पायलट के अलावा विश्वेंद्र सिंह और रमेश मीणा को भी मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखाया गया है। सचिन पायलट की जगह पर ओबीसी नेता गोविंद सिंह डोटासरा को प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया है।
पार्टी हाईकमान के निर्देशों पर राजस्थान पहुंचे कांग्रेस प्रवक्ता नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि सचिन पायलट भ्रमित होकर बीजेपी के जाल में फंस गए और कांग्रेस सरकार गिराने के उपक्रमों में जुट गये थे। उन्होंने कहा कि पिछले 72 घंटे से कांग्रेस आलाकमान ने सचिन पायलट और अन्य नेताओं से संपर्क करने की कई कोशिशें की और उनके सामने हर विकल्प को खुला रखा गया। लेकिन इसके बावजूद भी वे नहीं माने।
सुरजेवाला ने आरोप लगाते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने एक षडयंत्र के तहत राजस्थान की 8 करोड़ जनता के सम्मान को चुनौती दी है। बीजेपी ने साजिश के तहत कांग्रेस की सरकार को अस्थिर कर गिराने की साजिश की। बीजेपी धनबल और सत्ताबल से कांग्रेस पार्टी और निर्दलीय विधायकों को खरीदने की कोशिश की है।
पायलट को निकाले जाने के बीच, खबर है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राज्यपाल से मिलने राजभवन पहुंचे हैं। वह राज्यपाल को राज्य में चल रहे सियासी घटनाक्रम से अवगत करा सकते हैं। यह भी माना जा रहा है कि राज्यपाल के सामने विधायकों की परेड भी कराई जा सकती है।
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