Reported By: न्यूज अड्डा डेस्क
Published on: Jul 10, 2022 | 7:46 PM
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साखोंपार/कुशीनगर। नगर सहित क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में रविवार को सुबह से ही ईद उल अजहा (बकरीद)की धूम देखने को मिली ।छोटे छोटे बच्चे सुबह से ही नए कपड़ो में सज धज कर ईदगाहों की तरफ चल दिए।तीन दिनों तक मनाया जाने वाला ईद उल अजहा का त्योहार रविवार की सुबह नमाज अदा करने के साथ शुरू हुआ जो लगातार तीन दिनों तक चलता रहेगा।नगर व ग्रामीण क्षेत्रों के विभिन्न जगहों के ईदगाहों में अलग अलग समय पर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने बड़े अकीदत के साथ ईद उल अजहा (बकरीद )की नमाज अदा किया ।नमाज आदायगी के बाद सभी ने बारगाहे इलाही में हाथ उठाकर मुल्क की तरक्की व खुशहाली के लिए दुआएं मांगी।उसके बाद लोगों ने बकरे की कुर्बानियां दी।क्षेत्र के बंजारापट्टी ईदगाह में सुबह साढ़े छः बजे नमाज अदा की गई।इसके पूर्व मौलाना फकरुद्दीन निजामी ने कहा कि दो प्रमुख त्यौहारो में ईद उल अजहा का त्योहार प्रमुख है इसमें लोग अपनी कीमती माल से खरीदे गए जानवर की कुर्बानी करते हैं।अल्लाह तआला को कुर्बानी बेहद पसंद है ।उन्होंने बताया कि अल्लाह तआला ने उस समय के पैगम्बर इब्राहीम अलैहिस्सलाम की परीक्षा लेने के लिए उनको ख्वाब दिखाकर अपने ही बेटे इस्माईल अलैहिस्सलाम को कुर्बानी करने का निर्देश दिया और वह अपने बेटे को कुर्बानी देने के लिए तैयार हो गए ।बाप और बेटे की मोहब्बत कही बीच में न आ जाए इसी लिए उन्होंने आंख पर पट्टी बांध ली और बेटे इस्माईल अलैहिस्सलाम को कुर्बानी देना चालू कर दिया।जब अल्लाह ने देखा कि यह तो मुझे राजी करने के लिए अपने बेटे की वास्तव में कुर्बानी दे देंगे तो फरिश्ते को हुक्म दिए कि जाओ उनके बेटे को वहाँ से हटा कर एक जानवर रख दो जब कुर्बानी देने के बाद आंख से पट्टी खोल कर उन्होंने देखा तो बेटे की जगह एक जानवर बकरे की शक्ल में था तभी से बकरे की कुर्बानी होना शुरू हो गया। आगे उन्होंने कहा कि कुर्बानी के गोश्त के तीन हिस्सों में करके पहला हिस्सा गरीबों में वितरण करना चाहिए व दूसरा हिस्सा दोस्त व रिश्तेदारों में व तीसरा हिस्सा अपने घर पर प्रयोग करना चाहिए।इस अवसर पर मौलाना हसमुद्दीन रजवी,सिकन्दर आजम,पत्रकार अब्दुल मजीद,जमालुद्दीन वारसी,हबीबुल्लाह,मुर्तुजा वारसी ,जावेद अख्तर,अबरार शेख,वाजिद अली,बेचू,अनवर,जाहिद जमाल,शोलू,मोहसिन अख्तर,अजीमुल हक,अशफाक,अरशद रजा,शमशाद आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहें।इसी तरह डिघवा बुजुर्ग, नरकटिया, पतया,टेकुआटर ,शामपुर हतवा, साखोपार, तुर्कवलिया,नरसर, सोहनरिया, परसौना, अर्जुनहा, सिधुआँ बाँगर भाठ, चौपरिया, बैजनाथपुर,बाजूपट्टी, बरवापट्टी, खुशीपट्टी आदि जगहों पर अलग अलग समय नमाज अदा की गई ।उसके बाद लोगों ने एक दूसरे को गले मिलकर मुबारक़बाद दिया।और गरीबो में खैरात जकात किया व भोजन वितरण किया।
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