Reported By: सुनील नीलम
Published on: Feb 24, 2024 | 6:00 PM
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तुरकपट्टी।डायट प्राचार्य/ बीएसए डा. रामजियावन मौर्य ने कहा कि सूचना संचार प्रौद्योगिकी (आईटीसी) दुनिया भर में एक स्वस्थ शैक्षिक प्रणाली को बढ़ावा देने का एक प्रभावी तरीका है। प्राथमिक शिक्षा में प्रौद्योगिकी की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका सीखने को अधिक सुलभ, रोमांचक और आनंददायक बनाती है। शिक्षा में तकनीकी प्रगति के विकास से छात्रों के ज्ञान और कौशल में वृद्धि होती है।
वह शनिवार को डायट परिसर में आयोजित परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों का आईसीटी (सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी) के कक्षा शिक्षण में प्रयोग संबंधी दूसरे बैच के तीन दिवसीय प्रशिक्षण के समापन सत्र को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने शिक्षकों से प्रशिक्षण में सीखे तकनीकी के सहयोग से शिक्षण कार्य को समृद्ध करने की अपील की।
प्रशिक्षण प्रभारी व प्रवक्ता डा. कमलेश कुमार ने कहा कि कम उम्र में तकनीकी उपकरणों और कार्यक्रमों की शुरूआत से छात्रों के लिए नए तरीकों को अपनाना बहुत आसान हो जाता है। आईटीसी का प्रयोग बच्चों को भविष्य और उनके सामने आने वाली चुनौतियों के लिए तैयार करने का एक शानदार तरीका है। प्रशिक्षण के नोडल व प्रवक्ता चंद्रशेखर ने कहा कि शिक्षा में आईसीटी का लाभ यह है कि कक्षा में छात्र पाठ्यक्रम सामग्री से सब कुछ सीख सकते हैं। विशेष आवश्यकता वाले छात्रों को अब कोई नुकसान नहीं है क्योंकि उनके पास आवश्यक सामग्री तक पहुंच है और छात्र अपनी शैक्षिक आवश्यकताओं के लिए आईसीटी का उपयोग करने के लिए विशेष आईसीटी उपकरणों का उपयोग कर सकते हैं। प्रवक्तागण अखलाक अहमद, वेदशंकर गुप्ता, धनन्जय कुमार, अश्विनी कुमार सिंह, मुकेश गुप्ता, गीता, प्रीति गुप्ता, डा. अर्चना सिंह, अर्चना सिंह ने आईटीसी के बारे में जानकारी दी। मास्टर ट्रेनर शिवशंकर तिवारी, सत्यजीत दुबे, सुनील सिंह, सूर्यप्रताप ने प्रशिक्षण के तीसरे दिन गूगल शीट, काइन मास्टर, साइबर सुरक्षा आदि विषयों पर शिक्षकों को विस्तार से प्रशिक्षित किया।
आईटीसी अभिवृत्ति मापनी के माध्यम से फीडबैक लिया गया। सभी प्रशिक्षार्थियों को प्रमाण पत्र वितरण व राष्ट्रगान के साथ तीन दिवसीय प्रशिक्षण का समापन हुआ। इस दौरान धनन्जय कुमार मिश्र, मुनेंद्र सिंह, धनंजय प्रसाद, बृजकिशोर शर्मा, मिनहाज अहमद सिद्दीकी, प्रवीण कुमार, अजय कुमार, नसरुल्लाह, अरविंद कुमार, रागिनी, मंजू सिंह, प्रियंका सिंह, शीला पाल, प्रियंका श्रीवास्तव आदि शिक्षक मौजूद रहे।