कुशीनगर। दुदही विकास खंड के ग्राम पंचायत दुमही के देवामन दुर्गा मंदिर परिसर में बुधवार से आयोजित नौ दिवसीय शतचंडी महायज्ञ के प्रथम दिन रात्रि को रामलीला मंचन के दौरान कलाकारों ने नारद मोह प्रसंग का मंचन किया। जिसे देख श्रद्धालु भाव विभोर हो गए।
गुरुवार को दिन के सत्र में श्रद्धालुओं को कथावाचक पं. रामअवध शुक्ल ने श्रीकृष्ण – विदुर प्रसंग सुनाया। उन्होंने कहा कि महाभारत युद्ध के पूर्व दुर्योधन के घर भोजन करने से इंकार कर भगवान श्रीकृष्ण ने विदुर के घर भोजन करना स्वीकार किया। श्री कृष्ण की आवाज सुनते ही स्नान कर रहीं विदुर की पत्नी भक्ति में लीन होकर उसी अवस्था में आ गईं। भगवान ने उनके उपर अपना पीतांबर डाल दिया। विदुर की पत्नी भगवान को केला खिलाने बैठी तो केला नीचे फेंकने लगी और श्री कृष्ण को छिलके खिलाने लगी।
भगवान भक्त की भावना देखते हैं सो उन्होंने भी कुछ नहीं कहा और चुपचाप केले के छिलके खाते गए जैसे भगवान राम ने सबरी के जूठे बेर खाए थे। जब विदुर जी ने यह लीला देखी तो दौरे-दौरे आए और स्वयं अपने हाथों को श्री कृष्ण को केला खिलाकर पत्नी के किए गलती की क्षमा मांगने लगे। भगवान ने कहा कि मुझे तो छिलके में भी केले का आनंद मिल रहा था इसलिए आप किसी प्रकार का अपराध बोध नहीं करें। मैं आपकी सेवा भक्ति से संतुष्ट हूं। इस दौरान यजमान नगीना दास, अशोक बरनवाल, महेंद्र कुशवाहा, दिलीप राय, रमाकांत पाण्डेय, जिपंस मुकेश गुप्ता, भाजपा नेता जितेन्द्र गुप्ता, विनय सिंह, उपेन्द्र आर्य, राजकुमार खरवार, सुरेंद्र गुप्ता, विनोद शर्मा, दहारी चौहान, दुर्गेश खरवार धुरखेली कनौजिया, राधेश्याम पासवान, उमेश आर्य प्रिंस शुक्ला, पिंकू खरवार, रंजन सिंह आदि श्रद्धालु मौजूद रहे।
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