Reported By: सुनील नीलम
Published on: Sep 4, 2024 | 7:17 PM
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फाजिलनगर। ब्लाक के जनपदीय आदर्श उच्च प्राथमिक (कम्पोजिट) विद्यालय रुदवलिया के सहायक अध्यापक सुनील कुमार त्रिपाठी को 5 सितम्बर को गम्भीरनाथ प्रेक्षागृह में सन वर्ष 2023 का राज्य अध्यापक पुरस्कार भी प्रदान किया जाएगा। वह पूर्व में भी राज्य स्तर पर अपने नवाचारों के लिए दो बार पुरस्कार प्राप्त कर चुके हैं।
उक्त ब्लाक के महासोन गांव निवासी सुनील वर्ष 2009-10 में उक्त विद्यालय में बतौर प्रधानाध्यापक कार्यभार ग्रहण किये थे। तब विद्यालय में 132 छात्रों के सापेक्ष केवल दो शिक्षामित्र तैनात थे। अव्यवस्था के शिकार विद्यालय में बच्चों की उपस्थिति बेहद कम रहती थी। दोपहर बाद विद्यालय परिसर में सब्जी व मांस-मछली का बाजार लग जाता था। बेसिक शिक्षा विभाग ने चारदीवारी बनवा कर समस्या का समाधान किया तो विद्यालय परिसर में स्थित जूनियर विद्यालय के प्रभारी रामकुंवर प्रसाद, शिक्षामित्र सन्तोष व सुनैना मिश्रा के साथ मिलकर सुनील त्रिपाठी ने जनसहयोग से विद्यालय को डेस्क बेंच, चबूतरा तथा खूबसूरत पेंटिग करवाया ।अभिभावकों का विश्वास मजबूत हुआ और सत्र 2016 में छात्र की संख्या 326 पहुंच गई है। तत्कालीन डीएम लोकेश एम तथा बीएसए लालजी यादव की पहल पर मॉडल विद्यालय बनाने, बच्चों में पौधा वितरण करने तथा स्मार्ट कक्षा चलाने के सुनील के प्रयास हेतु तत्कालीन शिक्षामंत्री अहमद हसन व बलराम सिंह चौहान ने राज्य स्तर पर रुदवलिया विद्यालय को आदर्श विद्यालय घोषित कर सुनील कुमार त्रिपाठी को प्रशस्ति पत्र तथा एक लाख बीस हजार रुपये का चेक प्रदान किया। सन 2018 में बेसिक शिक्षा विभाग ने प्राथमिक जूनियर को मर्ज कर विद्यालय को कम्पोजिट विद्यालय बना दिया गया। सन 2019 में तत्कालीन बेसिक शिक्षा निदेशक डा सर्वेन्दु विक्रम सिंह ने भी सुनील त्रिपाठी को उत्कृष्ट शिक्षक के रूप में राज्य स्तर पर पुरस्कृत किया। 2019 में तत्कालीन डीएम आंद्रा वामसी तथा बीएसए ने रुदवालिया विद्यालय में 400 सौ से अधिक विद्यार्थी, स्मार्ट व कम्प्यूटर कक्षा, सीसीटीवी कैमरा, साउंड सिस्टम, व्हाइटबोर्ड आदि की सुविधा देख प्रत्येक न्यायपंचायत में दो-दो रुदवालिया जैसा आदर्श विद्यालय बनाने की पहल की। राजस्थान के तत्कालीन राज्यपाल महामहिम कलराज मिश्र ने 2019 में विद्यालय में बायोमेट्रिक हाजिरी की शुरुआत कराई।आज इस विद्यालय में छह गांव के करीब 500 विद्यार्थी नामांकित है। विद्यालय के विद्यार्थी राष्ट्रीय आय व योग्यता आधारित परीक्षा में सफल तो हो ही रहे हैं मण्डल स्तर के खेलों में भी विजयी हो रहे हैं। साथ ही हाईस्कूल,इंटर की परीक्षा में भी विद्यालय के विद्यार्थी अपना परचम लहरा रहे हैं।
बारह वर्षों में बच्चों बॉट दिए ग्यारह हजार पौधे
विद्यालय में नामांकन व उपस्थिति बढ़ाने के साथ बच्चों में पर्यावरण जागरूकता लाने के लिए सुनील त्रिपाठी ने सन 2012 से नामांकित बच्चों में दो दो पौधों का उपहार देना प्रारम्भ किये।पौधों के वितरण के पीछे यह शर्त भी रखी कि कुछ पौधे अपने अभिभावकों से भी छात्र लगवावें तथा उन पौधों का नाम अपने माता-पिता,किन्हीं स्वतंत्रता सेनानी या देश के महान विभूतियों के नाम पर रखें।आज रुदवालिया गांव में बीस हजार से अधिक पौधे लगाए जा चुके हैं।
कान्वेंट स्कूलों की तरह है भौतिक सुविधाएं
सामुदायिक सहयोग व अपने वेतन से सुनील ने विद्यालय में स्मार्ट कक्षा,विज्ञान प्रयोगशाला,बायोमेट्रिक ,सीसीटीवी कैमरा,साउंड सिस्टम ,सरस्वती मन्दिर,महात्मा गांधी मन्दिर ,विवेकानन्द प्रवेश द्वार सहित बेटियों को आत्मनिर्भर बनाने हेतु अलग से सिलाई कढाई तक का प्रशिक्षण तक दिया जाता है जिसके लिए चार मशीने भी विद्यालय में उपलब्ध है।
विद्यार्थियों को अंकपत्र संग पासबुक व एटीएम कार्ड की सुविधा
आठवीं कक्षा उतीर्ण होने वाले सभी विद्यार्थियों का शत प्रतिशत नामांकन नजदीकी इंटर कॉलेजों के कराते हुए विद्यालय परिवार द्वारा उन्हें पासबुक व एटीएम संग विदा किया जाता हैं।बालिकाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए विद्यालय में आठवीं की छात्राओं को सिलाई-कढाई भी सीखाने की व्यवस्था की गई है। ताकि उनके भविष्य की सुरक्षा सुनिश्चित हो।
विदेशियों को भी भाती है रुदवालिया की रंगत
– सोशल मीडिया पर विद्यालय की चर्चा के बाद विदेशी सैलानी भी आते रहते हैं। कइयों ने तो छोटी कक्षाओं में शिक्षण कार्य भी किया। तथा बच्चों को पुस्तकों का उपहार दिया। आस्ट्रेलिया की चेल्सी,जर्मनी की तारा मेकेडनिक,अमेरिका का जार्ज विशन ,डेविड विल्सन ,यास्मीन ,एमिली तथा अमेरिका निवासी एनआरआई रोबोटिक मैन उदयन भी विद्यालय का दौरा कर बच्चों को पुरस्कृत कर चुके हैं।
शिक्षक सुनील कुमार त्रिपाठी ने कहा कि अपने स्वर्गीय ज्येष्ठ भ्राता की प्रेरणा तथा विद्यालय के शिक्षक रामकुंवर प्रसाद,वेदप्रकाश त्रिपाठी, मनोज,दीपक,मंजूर,शाहआलम सुनैना मिश्रा सहित ग्रामप्रधान चंद्रभूषण यादव,लालसा चौहान आदि ने हर कदम पर मेरा सहयोग किया। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को लेकर मेरा प्रयास अब और तेज होगा।
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