Reported By: न्यूज अड्डा डेस्क
Published on: Sep 29, 2022 | 8:18 PM
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पडरौना/कुशीनगर। नगर के रेलवे स्टेशन पर बंगाल के एक स्टेशन मास्टर ने वर्ष 1975 में मां दुर्गा की मूर्ति स्थापित करने की परंपरा की शुरुआत की थी। इसके बाद बंगाली स्टेशन मास्टर के साथ पडरौना रेलवे स्टेशन के विभिन्न कर्मचारियों के अलावा तत्कालीन आयोजन समिति के सदस्य 68 वर्षीय परमेश्वर चौहान निवासी नोनिया पट्टी पूर्व प्रधान ने कहा कि उस दौर में नगर में मां दुर्गा की मूर्तियां बनाने वाले कलाकारों की कमी थी। बड़े शहरों से मूर्तियां लाई जाती थी। पडरौना नगर में कहीं भी दुर्गा पंडाल का आयोजन नहीं होता था। दुर्गा मंदिर में ही लोग पूजा अर्चना करते थे। रामलीला मैदान में रावण दहन के अवसर पर मेला लगता था। वर्ष 1975 में तत्कालीन देवरिया जिले होने के दौरान पडरौना रेलवे के स्टेशन मास्टर रहे बंगाली ने पहली बार मां दुर्गा की मूर्ति स्थापित की गई थी। इसके बाद रेल बंगाली रेलवे स्टेशन मास्टर के साथ दुर्गा पूजा समिति के बैनर तले यशवंत सिंह,मुनीलाल कुशवाहा समेत अन्य सदस्यों से पडरौना रेलवे स्टेशन पर दुर्गा पूजा का आयोजन करने का सिलसिला शुरू हो गया। पूर्व में करोना काल के दौरान सभी जगह दुर्गा पूजा समिति की तरफ से मूर्ति स्थापित करने को लेकर लगाई गई रोक के बाद से अब यहां इस वर्ष मूर्ति स्थापना नहीं होने का मलाल है।
कई दशक पहले यहां तत्कालीन रहे एक बंगाली रेलवे स्टेशन मास्टर ने अपने रेलवे के कर्मचारियों के सहयोग से और यहां के स्थानीय दुकानदारों को साथ लेकर यहां मूर्ति स्थापना की शुरुआत की थी। इसके बाद से यहां परंपरा चली आ रही थी लेकिन बीच में आए एक महामारी और बीमारी के वजह से यहां मूर्ति स्थापना नहीं हो सकी थी। इसके बाद इस वर्ष तत्कालीन पडरौना स्टेशन मास्टर के अनुसार रेलवे के कम संख्या में मौजूद कर्मचारियों के होने और दुर्गा पूजा आयोजन समिति के तरफ से इस बार के शारदीय नवरात्र में मूर्ति स्थापना करने में रुचि न लेने के वजह से यहां इस बार मूर्ति नहीं रखी जा रही है, इसके वजह से पडरौना रेलवे स्टेशन सुना सुना रहेगा।
अरुण चंद्रभान कुशवाहा
समाजसेवी-सभासद प्रत्याशी- पडरौना नगर
Topics: पड़रौना