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जटहा बाजार: स्वावलम्बी इन्सान तथा परस्पर आत्मनिर्भर गाँव गांधी के आर्थिक दर्शन का केंद्र

न्यूज अड्डा डेस्क

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Published on: Oct 2, 2021 | 6:15 PM
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जटहा बाजार: स्वावलम्बी इन्सान तथा परस्पर आत्मनिर्भर गाँव गांधी के आर्थिक दर्शन का केंद्र
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  • एक जिला एक उत्पाद’ गांधी के आर्थिक दर्शन का आधुनिक स्वरूप- मदन गोविन्द राव

जटहा बाजार/कुशीनगर। अपनी ज़रूरत की वस्तुओं का गाँवों में ही लघु कुटीर व ग्रामीण उद्योगों के माध्यम से उत्पादन तथा गाँवों में उत्पादित वस्तुओं का परस्पर विनिमय के माध्यम से स्वावलंबी इंसान बनाने का आर्थिक दर्शन महात्मा गांधी ने देश एवं दुनिया के सामने रखा था।

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गांधी जहाँ व्यक्ति को उत्पादन प्रणाली के केंद्र में रखकर नीतियां बनाने के पक्षधर थे वहीं पश्चिमी आर्थिक दर्शन बाज़ार की आवश्यकताओं पर आधारित उत्पादन प्रणाली पर ज़ोर देता है गांधी के आर्थिक दर्शन से अमीर ग़रीब की खाई को पाटने में मदद मिलती तथा लाभांश का न्यायपूर्ण बटंवारा होता वही बाज़ार आधारित विपुल उत्पादन प्रणाली से आर्थिक विषमता, संपत्ति का केंद्रीयकरण, गलाकाट प्रतिस्पर्धा तथा बेरोज़गारी की समस्या का सामना दुनिया को करना पड़ रहा है।

गांधी के विकास मॉडल के विपरीत पश्चिमी विकास माडल ने प्रकृति से संघर्ष के साथ बाज़ारों पर वर्चस्व के लिए जंग की हालात उत्पन्न किया है कोरोना संकट ने पुनः गांधी के तरफ़ देखने के लिये मानव जाति को प्रेरित किया है जलवायु परिवर्तन नित नये वायरसो की उत्पत्ति तथा दुनिया में उत्पन्न सैन्य तनावो का समाधान आज भी गाँधी के पास है ।

स्वावलंबी एवं आत्मनिर्भर भारत जहाँ गांधी के सपनों को मूर्त रूप देने का संकल्प प्रकट करता है वही एक जिला एक उत्पाद को ग्लोबल ब्रांड बनाने का प्रयास तथा लघु, सूक्ष्म एवं मध्यम उद्योगों को पूंजी तथा आधुनिक तकनीकी से जोड़कर योगी सरकार ने लघु,सूक्ष्म उत्पादन इकाइयों को अंतरराष्ट्रीय तथा प्रतिस्पर्धी विश्व बाज़ार में खड़े होने का अवसर प्रदान किया है जो गांधी के आर्थिक दर्शन का आधुनिक स्वरूप एवं विस्तार दे रहा है

रामकोला में महात्मा गांधी के 152 वीं जयंती पर प्रबुद्धजनों की गोष्ठी को संबोधित करते हुए पूर्व विधायक मदन गोविन्द राव ने उक्त उद्गार प्रकट किया तथा कहा कि गांधी हज़ारों साल तक मानव जाति के लिए प्रासंगिक बने रहेंगे एवं विश्व के समक्ष उत्पन्न चुनौतियों का समाधान देते रहेंगे ।

गोष्ठी में श्री ब्रह्माशंकर चौधरी, संतोष जायसवाल, दिनेश यादव, नागेश्वर पांडे, उमेश तिवारी, मौलाना आबिद अली, दिनेश मल्ल, ध्रुव शर्मा, प्रेमचन्द गुप्त, लालबाबू प्रसाद, अमरनाथ, दिलरुबा अंसारी, जोगी प्रसाद, आनंद सिंह इत्यादि दर्जनों लोग उपस्थित थे कार्यक्रम के प्रारंभ में गांधी जी के चित्र पर पुष्प माला चढ़ाया गया ।

Topics: जटहा बाजार

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