Reported By: न्यूज अड्डा डेस्क
Published on: Apr 9, 2023 | 7:52 PM
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कसया, कुशीनगर। राजकीय बौद्ध संग्रहालय, कुशीनगर में वित्तिय वर्ष 2022 – 2023 में 80637 पर्यटक पहुंचे।
इनमें 331 विदेशी पर्यटक व 480 विद्यालयों के 35211 छात्र – छात्रा शामिल रहे।
संग्रहालय में विभिन्न देशों के अलावा देश के बिभिन्न राज्यों से सैलानी पर्यटक कुशीनगर आये और राजकीय बौद्ध संग्रहालय पहुंचकर संग्रहालय में चार वीथिकाओ जिसमें कला वीथिका में मथुरा व गंधार शैली की मूर्तियों, ईंटें, धातु की कलाकृतियां, तिब्बती थंका, ध्यान मुद्रा में बुद्ध की प्रतिमा, अंतरराष्ट्रीय बौद्ध वीथिका में बुद्ध से जुड़ी विभिन्न देशों की पूजा पद्धति, भिक्षुओं के रहन, सहन, विविध मुद्राओं में बुद्ध वीथिका में बुद्ध की अभय, ध्यान, भू स्पर्श, धम्म चक्र प्रवर्तन मुद्रा में प्रदर्शित कला कृति, पुरातत्व वीथिका में संग्रहित कलाकृतियों में प्रस्तर मुर्तियां, मृण्मूर्तियां, वास्तुकला के अवशेष, मिट्टी की मुहरें, धातु प्रतिमाएं, तिब्बती थंका, सिक्के, मोहरें, हड्डी की चूड़ियां आदि का अवलोकन किया। बौद्ध, जैन, हिन्दू धर्म से सम्बन्धित जानकारी संग्रहालय के प्रभारी अमित कुमार द्विवेदी से लेकर अपनी जिज्ञासा शांत की और प्रश्न भी किये जिसका उत्तर संग्रहालय के प्रभारी श्री द्विवेदी ने दिया। संग्रहालय के प्रभारी श्री द्विवेदी के अनुसार कोरोना की त्रासदी से उबरते ही नियमों में मिली छूट के बाद विदेशों सहित देश से भारी संख्या में पर्यटक, श्रद्धालु, शैक्षिक भ्रमण, उच्च शिक्षा ग्रहण करने वाले विद्यार्थी और शोधार्थी आये। जिन्होंने देश की गौरवशाली विरासत से परिचित होते हुए ऐतिहासिक, पुरातात्विक, भग्नावशेष की जानकारी ली। परिसर में बना इंडो जापान सांस्कृतिक केंद्र आकर्षक है। राहुल सांस्कृत्यायन पुस्तकालय में पुस्तकें संग्रहित हैं। भविष्य में पुस्तकालय को बौद्ध शोध केंद्र के रूप में विकसित किये जाने की योजना है। सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए अज्ञेय सभागार उपलब्ध है। संग्रहालय अवलोकन के लिए 12 वर्ष तक के बच्चों, शैक्षिक भ्रमण, शोधकर्ताओं का प्रवेश निःशुल्क है। 12 वर्ष से ऊपर के भारतीय नागरिक के लिए तीन रुपए, विदेशी पर्यटक दस रुपये और फोटो कैमरे से फोटो खींचने के लिए बीस रुपये का मामूली शुल्क लगाया गया है। छुट्टियों के दिन और सीजन में काफी लोग यहां आते हैं। संग्रहालय द्वारा कलाकृतियो का संरक्षण, पर्यावरण, जल संरक्षण और ज्वलन्त विषयों पर जागरूकता कार्यक्रम समय समय पर होते रहते हैं।
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