Reported By: न्यूज अड्डा डेस्क
Published on: Jun 29, 2023 | 2:58 PM
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साखोपार/कुशीनगर। जिले भर में नगर सहित ग्रामीण इलाकों में गुरुवार को सुबह से ही ईद उल अजहा (बकरीद)की धूम देखने को मिली।छोटे छोटे बच्चे सुबह से ही नए कपड़ो में सज धज कर ईदगाहों की तरफ चल दिए।तीन दिनों तक मनाया जाने वाला ईद उल अजहा का त्योहार गुरुवार की सुबह नमाज अदा करने के साथ शुरू हुआ जो लगातार तीन दिनों तक चलता रहेगा।नगरों व ग्रामीण क्षेत्रों के विभिन्न जगहों के ईदगाहों में अलग अलग समय पर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने बड़े अकीदत के साथ ईद उल अजहा (बकरीद )की नमाज अदा किया ।नमाज आदायगी के बाद सभी ने बारगाहे इलाही में हाथ उठाकर मुल्क व मजहब की तरक्की व खुशहाली के लिए दुआएं मांगी। उसके बाद लोगों ने बकरे की कुर्बानियां दी।जिले के रविन्द्र नगर थाना क्षेत्र के बंजारापट्टी ईदगाह में सुबह सात बजे नमाज अदा की गई।
इसके पूर्व मौलाना फकरुद्दीन निजामी ने कहा कि दो प्रमुख त्यौहारो में ईद उल अजहा का त्योहार प्रमुख है इसमें लोग अपनी कीमती माल से खरीदे गए जानवर की कुर्बानी करते हैं।अल्लाह तआला को कुर्बानी बेहद पसंद है।उन्होंने बताया कि अल्लाह तआला ने उस समय के पैगम्बर इब्राहीम अलैहिस्सलाम की परीक्षा लेने के लिए उनको ख्वाब दिखाकर अपने ही बेटे इस्माईल अलैहिस्सलाम को कुर्बानी करने का निर्देश दिया और वह अपने बेटे को कुर्बानी देने के लिए तैयार हो गए।बाप और बेटे की मोहब्बत कही बीच में न आ जाए इसी लिए उन्होंने आंख पर पट्टी बांध ली और बेटे इस्माईल अलैहिस्सलाम को कुर्बानी देना चालू कर दिया।जब अल्लाह ने देखा कि यह तो मुझे राजी करने के लिए अपने बेटे की वास्तव में कुर्बानी दे देंगे तो फरिश्ते को हुक्म दिए कि जाओ उनके बेटे को वहाँ से हटा कर एक जानवर रख दो जब कुर्बानी देने के बाद आंख से पट्टी खोल कर उन्होंने देखा तो बेटे की जगह एक जानवर बकरे की शक्ल में था तभी से बकरे की कुर्बानी होना शुरू हो गया।
आगे उन्होंने कहा कि कुर्बानी के गोश्त के तीन हिस्सों में करके पहला हिस्सा गरीबों में वितरण करना चाहिए व दूसरा हिस्सा दोस्त व रिश्तेदारों में व तीसरा हिस्सा अपने घर पर प्रयोग करना चाहिए।इस अवसर पर मौलाना हसमुद्दीन रजवी,सिकन्दर आजम,पत्रकार अब्दुल मजीद,जमालुद्दीन वारसी,