Reported By: Surendra nath Dwivedi
Published on: Aug 22, 2023 | 10:52 AM
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कुशीनगर। जिले में जिस दौर में बिजली व्यवस्था जा पहुंची है वह सरकार की किरकिरी कराने को काफी है। जिले में तो पिछले कई दिनों से बेतहाशा कटौती हो रही है लेकिन पिछले हप्ते से तो हद ही हो गई। बगैर किसी सूचना के दिन और रात में कटौती हो रही है। बीच में आई जरूर लेकिन केवल दर्शन देने। अधिकारियों की लापरवाही और कर्मचारियों की सुस्ती के चलते उपभोक्ता हलकान है।
प्रदेश सरकार के लाख निर्देशों व कोशिशों के बाद भी ग्रामीण इलाकों में 18 घंटे बिजली पहुंचाने के दावे खोखले ही दिखायी पड़ रहे हैं। इस समय जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में भी कुछ ऐसा ही हाल है। यहां 18 घंटे की जगह सिर्फ चार पांच घंटे ही बिजली अापूर्ति हो रही है। नतीजतन लोगों को बुरा हाल है। इस वजह से ग्रामीणों के दिन बेचैनी से और रात रतजगा करके कट रही है। बिजली न मिलने से नाराज ग्रामीणों का भी सब्र जवाब दे रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि ऐसा ही हाल रहा तो आने वाले दिनों में रोड पर उतरकर प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे।
आपको बता दे, बिजली कटौती व लो-वोल्टेज ने लोगों का चैन छीन लिया है। बिजली नहीं होने से न तो रात को लोग सो पा रहे हैं, न दिन में ठीक ढंग से कामकाज ही कर पा रहे हैं। कभी रोस्टिरिंग तो कभी लोकल फाॅल्ट के नाम पर बिजली कटौती हो रही है। चार से छह घंटे ही बिजली रहने से घरों में लगे इन्वर्टर भी जवाब दे रहे हैं। रात को घरों में लोगों को मोमबत्ती जलाकर काम चलाना पड़ रहा है। बिजली की बेतहाशा कटौती से लोगों में नाराजगी है। तरयासुजान, पडरौना, हाटा, कसया, दुदही समेत पूरे जिले में भीषण बिजली कटौती से लोगों का जीना दुश्वार हो गया।
जनपद के चार डिवीजन कसया, हाटा, पडरौना व सेवरही से संचालित 133 फीडरों से जुड़े लगभग पांच लाख उपभोक्ताओं की बिजली सप्लाई मिलती है। पिछले कुछ दिन से जिले में पड़ने वाली भीषण गर्मी का असर बिजली आम लोगों के साथ बिजली विभाग पर देखने को मिल रहा है। जनपद में अघोषित विद्युत कटौती व लो-वोल्टेज के चलते लोगों का जीना हराम हो गया है।
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