कुशीनगर। अपर जिलाधिकारी देवी दयाल वर्मा ने बताया कि समाज में व्याप्त कुरीतियों के कारण कुछ लोगों के द्वारा लड़के एवं लड़कियों के विवाह निर्धारित आयु क्रमशः 21 वर्ष व 18 वर्ष के पूर्व ही कर दिया जाता है। प्राय: इस प्रकार के विवाह अक्षय तृतीया के अवसर पर होते हैं, जबकि इस संबंध में बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के अंतर्गत बाल विवाह होने पर 02 वर्ष की सजा अथवा ₹ 100000 का अर्थदंड अथवा दोनों का प्रावधान है
इस वर्ष अक्षय तृतीया दिनांक 3 मई 2022 को है। अतः अपर जिलाधिकारी ने सभी सभ्य जनों से अनुरोध किया है कि समाज में व्याप्त इस कुरीति का विरोध करें और ऐसा कहीं पर पाया जाता है तो इसकी सूचना जिला बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी/ कार्यालय जिला प्रोबेशन अधिकारी/ चाइल्डलाइन कुशीनगर/ बाल कल्याण समिति/ जिला बाल संरक्षण इकाई कुशीनगर अथवा संबंधित थाने को अवश्य दें।