कुशीनगर। बच्चों के साथ शारीरिक, मानसिक, यौनिक अथवा भावनात्मक स्तर पर किया जाने वाला दुर्व्यवहार बाल दुर्व्यवहार कहलाता है। अक्सर इसमें शामिल व्यक्ति हमारे आस-पास के रिश्तेदार, मित्र, पड़ोसी होते हैं, जिनकी हरकतों से उनके कृत्य का पता लगाना कठिन होता है।
यह बातें सोमवार को इंडिया अगेंस्ट चाइल्ड एब्यूज अवेयरनेस प्रोग्राम के अंतर्गत दुदही के रकबा दुलमापट्टी गांव में स्थित कंपोजिट विद्यालय में जागरूकता गोष्ठी को संबोधित करते आयोजक व आइना आर्गेनाइजेशन के वालेंटियर अर्जुन कुमार गुप्ता ने कही। उन्होंने कहा कि बाल दुर्व्यवहार बच्चों के मानस पर दीर्घकालिक प्रभाव डालता है। उन्होंने छात्रों को गुड टच व बैड टच के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए उन्होंने बच्चों को सही गलत में फर्क और समाज की पहचान की बात बताई। किसी प्रतिकूल परिस्थिति में टोल फ्री 1090 व 1098 नंबर डायल करने को प्रेरित किया।
इस दौरान प्रधानाध्यापक विमलेश प्रताप सिंह, धनन्जय मिश्र, नन्हे प्रसाद, ब्रजेश सिंह, अनीता देवी आदि मौजूद रहे।
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