Reported By: न्यूज अड्डा डेस्क
Published on: Apr 12, 2022 | 7:41 PM
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कुशीनगर। मच्छररोधी बीमारियों से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग ने संचारी रोग नियंत्रण और दस्तक अभियान शुरू किया है। इसके तहत मच्छरों के काटने से होने वाली बीमारियों से बचाव के लिए जागरूक किया जा रहा है, लेकिन गांवों में नियमित सफाई न होने और छिड़काव के अभाव में मच्छरों की तादाद निरंतर बढ़ रही है। इससे लोगों की परेशानी बढ़ गई है। जगह-जगह झाड़ियां और कूड़े के ढेर, बजबजाती नालियां पंचायतीराज विभाग की सक्रियता की पोल खोल रही हैं। जबकि गांवों में साफ सफाई और स्वास्थ्य के नाम पर ग्राम प्रधान एवं एएनएम के खाते में सालाना दस हजार रुपये भेजे जाते हैं।
स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों की मानी जाए तो इंसेफेलाइटिस व अन्य संक्रामक बीमारियों पर अंकुश लगाने के लिए सरकार की ओर से ग्राम प्रधान और एएनएम के संयुक्त खाते में दस हजार रुपये प्रतिवर्ष भेजे जाते हैं। जिले में 1003 ग्राम पंचायते हैं, लेकिन कुछ गांवों को छोड़ दिया जाए तो अधिकतर में सफाई व्यवस्था की हालत काफी दयनीय है। मच्छररोधी दवाओं का छिड़काव नहीं हो ररहा है। इस वजह से मच्छरजनित रोगों के फैलने का खतरा बना हुआ है। जिले में 14 ब्लॉक हैं, लेकिन कहीं भी मच्छररोधी दवा की छिड़काव नहीं कराया जा रहा है। शासन-प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है, लेकिन मच्छरों से बचाव का कोई प्रबंध नहीं किया जा रहा है।सुकरौली ब्लॉक में एमओआईसी ने पकड़ी है गड़बड़ी ।सुकरौली ब्लॉक के अधिकतर गांवों में मच्छरों का प्रकोप ज्यादा बढ़ गया है। इसकी शिकायत ग्रामीणों ने ब्लॉक से लेकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी से की है। इसी क्रम में सुकरौली के नए प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. स्वप्निल श्रीवास्तव ने लगभग दर्जनों गांवों में जांच कराया। किसी भी गांव में छिड़काव नहीं हुआ था। इस ब्लॉक में इस मद में भुगतान किए गए छह लाख साठ हजार रुपये की गड़बड़ी का अंदेशा चिकित्साधिकारी ने जताया है। उन्होंने सीएमओ, बीडीओ सहित अन्य अधिकारियों को सूचना देने के बाद ग्राम प्रधानों और एएनएम को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है।
गांवों में मच्छररोधी दवा का छिड़काव कराने की जिम्मेदारी ग्राम पंचायतों और शहरी क्षेत्रों में नगर पंचायतों की होती है। विभाग से सिर्फ मच्छररोधी दवा भेजी जाती है, वह भी डिमांड आने पर। इधर कोई डिमांड नहीं आई है।डॉ. सुरेश पटारिया, सीएमओ ।छिड़काव, साफ सफाई और स्वास्थ्य सुविधा के मद में हर वर्ष 10 हजार रुपये सरकार की ओर से द्वारा भेजे जाते हैं। प्रधान और अधिकारियों की मिली भगत से गांवों में छिड़काव नहीं होता है। कागज में ही छिड़काव हो जाता है। सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए।अविनाश मिश्र, रानीकाफ
सुकरौली ब्लॉक में कागज में ही छिड़काव हो रहा है। धरातल पर इसका कोई नाम निशान नहीं है। मच्छरों की तादाद बढ़ने के कारण घर अथवा बाहर कहीं भी रहने में परेशानी हो रही है।ओमप्रकाश, महादनपुर सिहुलिया
सुकरौली ब्लॉक के किसी भी गांव में छिड़काव नहीं हुआ है। सुकरौली के प्रभारी चिकित्साधिकारी ने इसकी जांच किया तो मामला सामने आया । इस पर भी विभाग कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है।
मुन्ना पांडेय, पड़री कोरोना महामारी से लोग अपनी सेहत पर विशेष ध्यान देने लगे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में सफाई कर्मी समय से नहीं आता है। छिड़काव नहीं होने से गांव में मच्छरों से परेशानी है।
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