Reported By: न्यूज अड्डा डेस्क
Published on: Jun 4, 2023 | 3:51 PM
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कसया/कुशीनगर । प्याज की खेती खरीफ ऋतु मे करके किसान हो जाएंगे माला माल l प्याज़ की खेती 100 से 110 दिनो मे एक एकड खेत से 60 से 70 कुन्तल प्याज की उपज प्राप्त कर सकते है किसान, खरीफ मे प्याज बोने के लिए देवरिया जनपद के उसरा बाजार मे कार्यालय राष्ट्रीय बागवानी विकास संस्थान मे बीज उपलब्ध है। यह जानकरी उप्र गन्ना किसान संस्थान प्रशिक्षण केन्द्र -पिपराईच गोरखपुर के सहायक निदेशक ओम प्रकाश गुप्ता ने दी। सहायक निदेशक ने प्याज की वैज्ञानिक खेती पर कृषक प्रशिक्षण कार्य क्रम मे राष्ट्रीय प्याज अनुसंधान केंद्र-राजगुरू नगर पूना-महाराष्ट्र मे वैज्ञानिक से जानकरी ली है।सहायक निदेशक ने बताया कि खरीफ मे प्याज की खेती के लिए जून माह मे नर्सरी गिराये, जब नर्सरी मे 45 दिन का पौधा हो जाय तो उसे जुलाई माह मे रोपाई करे। प्याज की रोपाई ऐसे खेत मे करे जहा पर वर्षा का पानी नुकसान न पहुंचाये ऊंचे खेती मे प्याज की रोपाई करे एक एकड बोने के लिए चार किलो प्याज का बीज लगेगा, देवरिया मे किसान को 1200 रूपये किलो प्याज का बीज मिल रहा है।
एग्रीफाउंड डार्क रेड-लाल रंग का 100 दिनो मे तैयार होती है उपज 90 से 100 कुन्तल एकड,अर्का कल्याण-गोल, लाल रंग 90 से 100 दिनो मे तैयार, उपज 100 से 120 कुन्तल एकड अन्य प्रजातिया-एन-53, वसवन्त-780, भीमा सुपर
नर्सरी गिराने के लिए एक मीटर चौड़ी तथा 3 मीटर लम्बा, क्यारी जमीन से लगभग 15 सेमी उचाई होनी चाहिए, गोबर की सडी खाद अच्छी तरह मिलाये इसमे 30 ग्राम बीज डाले। पूर्वांचल के सभी घरो मे प्रति दिन प्याज का प्रयोग होता है, लेकिन कितने किसान बो रहे है अपने गांव मे देख लिजिए।
प्याज के औषधीय गुण प्याज मे प्रोटीन वसा, कार्बोहाइड्रेट, फास्फोरस, विटामिन ए•बी•सी, गंधक, पोटैशियम, आयोडीन, आदि पाये जाते है। *पूना के वैज्ञानिको* के अनुसार प्याज हृदय रोग, मधुमय, कैंसर, हैजा, त्वचा रोग, मुत्र विकार, आदि बीमारियो से बचाता है प्रभाव को कम करता है, कच्चा प्याज जादा लाभकारी है। संस्थान के सहायक निदेशक ने बताया, कि कृषको की आय बढाने के लिए कृषक अध्यन यात्रा कार्यक्रम मे गन्नाशोध संस्थान, दलहन-तिलहन, सब्जी, बागवानी पशुपालन, मछलीपालन, आदि अनुसंधान संस्थान का भ्रमण कराकर वैज्ञानिक से जानकारी कराता है, शोध प्रक्षेत्रो को दिखाता है, जिसका किसानो मे सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहा है।
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