Reported By: ज्ञानेन्द्र पाण्डेय
Published on: Jan 5, 2025 | 4:39 PM
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अहिरौली बाजार/कुशीनगर।सुकरौली विकास खण्ड क्षेत्र अंतर्गत अहिरौली बाजार में स्थित उच्च प्राथमिक विद्यालय के प्रांगण में क्रांति ज्योति माता सावित्रीबाई फुले एवं माता फातिमा शेख की 194 वीं जंयती के अवसर पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ०पुष्पा यादव ने माता सावित्रीबाई फुले, बाबासाहेब के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए डा०पुष्पा यादव कही कि सावित्रीबाई फुले न सिर्फ पहली महिला शिक्षिका थी,बल्कि महान समाजसेविका और नारी मुक्ति आंदोलन की प्रणेता भी थीं।उनका पूरा जीवन समाज के वंचित तबके खासकर महिलाओं और दलितों के अधिकारों के लिए संघर्ष में बीता।
कार्यक्रम के आयोजक भीम आर्मी के जिलाध्यक्ष अयोध्या भाई ने कहा कि माता सावित्रीबाई ने सबसे पहले शिक्षा और समाज सुधार के क्षेत्र में उनका योगदान हमारे सामने आता है। वे हमेशा महिलाओं और वंचितों की शिक्षा के लिए जोरदार तरीके से आवाज उठाती रहीं।वे अपने समय से बहुत आगे थीं और उन गलत प्रथाओं के विरोध में हमेशा मुखर रहीं।हरिकेश भाई ने कहा कि माता सावित्रीबाई ने शिक्षा से समाज के सशक्तिकरण पर उनका गहरा विश्वास था।सावित्रीबाई फुले एक महान समाज सुधारक, दार्शनिक,कवयित्री और शिक्षाविद् भी थीं। उनके पति ज्योतिराव फुले भी एक प्रसिद्ध चिंतक और लेखक थे। जब महाराष्ट्र में अकाल पड़ा तो सावित्रीबाई और महात्मा फुले ने जरूरतमंदों की मदद के लिए अपने घरों के दरवाजे खोल दिए थे। सामाजिक न्याय का ऐसा उदाहरण विरले ही देखने को मिलता है। जब वहां प्लेग का भय व्याप्त था तो उन्होंने खुद को लोगों की सेवा में झोंक दिया।मानवता को समर्पित उनका जीवन आज भी हम सभी को प्रेरित कर रहा है।
इस अवसर पर राम प्रताप, नागेन्द्र निगम, विनोद कुमार, जवाहरलाल गौतम,देवेन्द्र सर सहित समाज के सैकड़ों लोग उपस्थित रहे।
Topics: अहिरौली बाजार