Reported By: Ram Bihari Rao
Published on: Mar 31, 2022 | 6:54 PM
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रामकोला/कुशीनगर। कुशीनगर में दो दिवसीय दौरे पर आयी कालाजार उन्मूलन की केन्द्रीय टीम ने गुरुवार को रामकोला में पहुंची। टीम ने सीएचसी में दवाओं और अभिलेखों का अवलोकन किया। कालाजार व चमड़ी कालाजार के मरीजों से मुलाकात कर आवश्यक दिशा निर्देश भी दिया।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के नेशनल वेक्टर बार्न डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम ( नई दिल्ली) के कंट्री लीड ( कालाजार) डाॅ. ध्रुव पांडेय व उनके साथ आए नित्यानन्द की टीम गुरूवार को रामकोला पहुंची और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र रामकोला के ग्राम पंचायत पथरदेवा में जाकर कालाजार उन्मूलन के बारे में जानकारी हासिल की।
टीम ने सभी अस्पतालों के जिम्मेदारों को कालाजार उन्मूलन के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार कराने तथा कालाजार के लक्षण वाले अधिक से अधिक व्यक्तियों की जांच कराने को कहा। यह भी कहा कि मरीजों को गुणात्मक स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराया जाए ताकि कालाजार का उन्मूलन हो सके। कालाजार का मरीज अगर समय से चिन्हित हो जाए तो मरीज ठीक हो जाता है। कालाजार का इलाज सरकारी अस्पताल में निःशुल्क है, जबकि निजी अस्पतालों में लाखों रुपये खर्च हो जाते हैं।
टीम ने बताया कि कालाजार बालू मक्खी से फैलता है। यह मक्खी नमी वाले स्थानों पर पायी जाती है। यह छह फीट की ऊंचाई तक उड़ पाती है। उसके काटने से व्यक्ति बीमार हो जाता है। उसे बुखार होता है, और रूक-रूक कर चढ़ता उतरता है। लक्षण दिखने पर चिकित्सक को दिखाना चाहिए।इस बीमारी से मरीज का पेट फूल जाता है। भूख कम लगती है । शरीर काला पड़ जाता है। इस रोग का निःशुल्क इलाज जिला अस्पताल में उपलब्ध है।टीम के साथ डब्ल्यूएचओ के जोनल को-आर्डिनेटर डाॅ.सागर घोडेकर, सहायक मलेरिया अधिकारी अनिल कुमार चौरसिया, मलेरिया निरीक्षक अंकिता श्रीवास्तव, स्वास्थ्य निरीक्षक संजय सिंह, महेश नारायण, अमन कुमार , मलेरिया अधिकारी सोनम पांडेय, सीएचसी के स्वास्थ्य निरीक्षक विश्राम राव तथा स्वास्थ्य कार्यकर्ता आनंद दुबे उपस्थित रहे।
Topics: रामकोला