Reported By: सुनील नीलम
Published on: Apr 14, 2025 | 8:10 PM
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तुर्कपट्टी।पूर्वांचल में अपने विशिष्ठ सामाजिक कार्यों की बदौलत जन-जन के बीच अपनी एक खास पहचान बना चुके के 0 डी0 शाही जन जागृति-संस्थान द्वारा आयोजित निर्धन कन्याओं के सामूहिक विवाह कार्यक्रम के तहत आज सोमवार की शाम को यहाँ के ऐतिहासिक गुप्तकालीन सूर्यमन्दिर के परिसर में 21(इक्कीस) समाज के अतिनिर्धन युगल जन्म-जन्मान्तर के लिये एक दूसरे के जीवन संगिनी बने।इस अवसर पर उपस्थित गणमान्य अतिथियों ने वर-वधू को आशीर्वाद देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की सुखद कामना की।विवाहोपरान्त संस्थान द्वारा सभी नवयुगलों को घर-गृहस्थी से सम्बन्धित जीवनोंपयोगी सामान देकर उनको परिजनों के साथ ससम्मान विदा किया गया।
विदित हो कि पूर्वांचल में सामाजिक कार्यों के लिए ख्यातिप्राप्त जनपद कुशीनगर के तुर्कपट्टी स्थित के0 डी0 शाही जन-जागृति संस्थान द्वारा विगत दो दशकों में अबतक 650 समाज की अतिनिर्धन कन्याओं का विवाह कराया जा चुका है।इस सामूहिक विवाह की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसमें जनपद कुशीनगर के अलावा पड़ोसी जनपदों व बिहार प्रदेश के सनातन तथा इस्लाम धर्म के युगलों का उनके रीति-रिवाज के अनुसार सगाई सम्पन्न कराया जाता है।इसी कड़ी में आज सोमवार को 21 निर्धन नवयुगल जन्म -जन्मांतर के लिये एक-दूसरे के जीवनसाथी बन गये।इसके पूर्व शाम होते ही पंजीकृत नवयुगल अपने -अपने परिजनों के साथ सूर्यमन्दिर में आयोजित विवाह स्थल पहुँचे जहाँ संस्थान के आयोजक सुधीर कुमार शाही,अध्यक्ष अजय कुमार गुप्ता, संयोजक डा0 सी वी सिंह सेंगर, शैलेन्द्रदत्त शुक्ला व स्वागताकांक्षी अमित वर्मा ने संगठन के सहयोगियों के साथ उनका स्वागत कर उन्हें मन्दिर परिसर में सुसज्जित विवाह मंच पर पहुँचाया गया।शहनाई की धुन तथा रंग-विरंगे आकर्षक जगमगाती रोशनी के बीच उपस्थित अतिथियों एवं ग्रामीणों के समक्ष नव-युगलों का वैदिक रीति-रिवाज से विवाह सम्पन्न हुआ।पाणिग्रहण के समय पर उपस्थित इस शुभ अवसर पर पधारीं अनेक महिला आगन्तुकों ने नवयुगलों को वस्त्र,आभूषण,घड़ी,श्रृंगार सामग्री व अन्य मांगलिक वस्तुएं प्रदान कर उनके सुखमय जीवन की कामना करते हुए शुभाशीष दिया।संस्थान द्वारा सभी आगंतुकों के अलावा प्रत्येक युगलों के परिजनों सहित सभी बारातियों के लिये जलपान,भोजन एवं ठहरने की अलग-अलग व्यवस्था की गयी थी।इस अवसर पर पधारे अतिथियों एवं गणमान्य लोगों ने अपने सम्बोधन में कार्यक्रम की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए कहा कि लगातार 23 वें वर्ष में सफलतापूर्वक सम्पन्न होने वाला यह कार्यक्रम वर्तमान समय समाजिकता का सबसे अनुपम उदाहरण है।संस्थान द्वारा किया जा रहा यह अद्वितीय कार्य समाज के लिए एक प्रेरणा व एक सकारात्मक संदेश देने वाला साबित हुआ है।
कार्यक्रम के आयोजक सुधीर कुमार शाही ने अपने सम्बोधन में कहा कि यह सामाजिक संस्थान बिना कोई सरकारी अनुदान लिये केवल जनसहयोग से विगत दो दशकों से इस सामाजिक कार्य के दौरान अब तक 650 निर्धन कन्याओं का सामूहिक पाणिग्रहण संस्कार सम्पन्न करा चुका है।उन्होंने कहा कि इस आयोजन के लिये समाज के सकारात्मक सोच वाले लोगों का प्रोत्साहन हम सभी का मनोबल बढ़ाता है।इस अवसर पर आये अनेक विधा के कलाकारों ने मंगलगीत,सोहर एवं विदाई गीतों को प्रस्तुत कर लोगों को भावविह्वल कर दिया।वही प्रसिद्ध रंगकर्मी मानवेन्द्र त्रिपाठी के निर्देशन में मूल भोजपूरी संस्कृति पर आधारित “शिव-पार्वती विवाह” का नाट्यमंचन किया गया।विवाहोपरांत सभी नवयुगलों को घड़ी,सायकिल,वस्त्र, आभूषण,बक्शे ,विस्तर,पलंग,कुर्सी सहित अन्य जीवनपयोगी वस्तुएं प्रदान कर ससम्मान विदा किया गया।
इस दौरान आसपास गाँवों के हजारों ग्रामीणों के अलावा क्षेत्र के तमाम गणमान्य लोग उपस्थित थे।इस कार्यक्रम को सफल बनाने में मुन्ना शाही,नवीन शाही,पुरुषोत्तम वर्मा, रामप्रवेश यादव,मोहन स्वर्णकार, मुटूर यादव, राजेश मद्धेशिया, सुरुजलाल व प्रेम रौनियार आदि का विशेष सहयोग रहा।
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