Reported By: न्यूज अड्डा डेस्क
Published on: Apr 5, 2021 | 5:37 PM
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यूपी में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों को झटका लग सकता है. यह झटका कोई और नहीं बल्कि उनके करीबी या पड़ोसी या फिर गांव के ही विरोधी दे सकते हैं. अगर प्रत्याशी ने ऐसी गलती कर दी तो उसका पर्चा खारिज हो सकता है.
दरअसल, राज्य निर्वाचन आयोग ने साफ कहा कि उन प्रत्याशियों का पर्चा खारिज हो जाएगा जो प्रचार-प्रसार के लिए गांव की दीवारों का सहारा लेंगे. पंचायत चुनाव में वॉल राइटिंग पर पूरी तरह प्रतिबंध है. प्रत्याशियों को नामांकन पत्र में झूठी सूचना देने से बचने को भी कहा गया है. साथ ही खर्च की राशि से ज्यादा व्यय करने पर भी पर्चा खारिज हो जाएगा.
दीवारों पर वोट के लिए इस्तिहार लिखवाने वालों की शिकायत किसी और नहीं बल्कि विरोधी प्रत्याशियों की शिकायत पर चुनाव अधिकारी पर्चा खारिज कर सकता है. जिन संभावित प्रत्याशियों ने चुनाव की घोषणा के पहले अगर दीवार पर प्रचार का सहारा लिया है तो उनकी प्रधानी की दावेदारी पर सौ फीसद खतरा है. इतना ही नहीं अगर किसी ने ऐसी किया तो नामांकन से पहले उसे हर हाल में मिटाना होगा. इतना ही नहीं नामांकन पत्र में झूठी जानकारी देने वाले उम्मीदवारों को खामियाजा भुगतान पड़ सकता है. चुनाव आयोग ने गुमराह करने वाले लोगों का पर्चा निरस्त करने और उन्हें अयोग्य घोषित करने का अधिकार दिया है. प्रचार-प्रसार के लिए निश्चित धनराशि से अधिक खर्च करने वाले प्रत्याशियों पर चुनाव आयोग की गाज गिर सकती है.
इस पंचायत चुनाव में नामांकन करने वाले प्रत्याशियों को प्रचार-प्रसार के लिए सीमित धनराशि सुनिश्चित की गई है. ग्राम प्रधान और बीडीसी पद के दावेदार 75,000-75000 रुपये, ग्राम पंचायत सदस्य 10 हजार रुपये और जिला पंचायत सदस्य पद के लिए 1,50,000 रुपये से ज्यादा प्रचार-प्रसार में खर्च नहीं कर सकता है.
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में उम्मीदवार एक से लेकर चार सेट तक नामांकन के दौरान जमा कर सकेंगे. नामांकन पत्र के साथ शपथ पत्र और नो ड्यूज देना भी जरूरी है. चुनाव आयोग ने सख्त हिदायत दी है कि आगनबाड़ी महिला कार्यकर्ता, सहायिका, आशा, शिक्षा मित्र, किसान मित्र, ग्राम रोजगार सेवक आदि पंचायत चुनाव नहीं लड़ सकेंगे. उम्मीदवार की उम्र 21 साल से कम नहीं होनी चाहिए और मतदाता की उम्र 18वर्ष से कम नहीं होगी.