Reported By: न्यूज अड्डा डेस्क
Published on: May 31, 2021 | 11:22 AM
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सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर रोक लगाने वाली याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए सोमवार को अपना फैसला सुनाया है. दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को बड़ी राहत देते हुए कहा कि प्रोजेक्ट पर काम चलता रहेगा. याचिका में कोरोना महामारी को आधार बनाकर रोक लगाने की मांग की गई थी. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डीएन पटेल और जस्टिस ज्योति सिंह की बेंच ने याचिका खारिज कर दी है. दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि यह राष्ट्रीय महत्व की एक अनिवार्य परियोजना है, लोगों की सार्वजनिक परियोजना में महत्वपूर्ण रुचि है.
सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत जारी निर्माण कार्य को रोकने के लिए आन्या मल्होत्रा और सोहेल हाशमी ने याचिका दाखिल की थी. याचिकाकर्ताओं ने अपनी याचिका में पूछा था, ‘परियोजना क्यों या कैसे ‘आवश्यक सेवा’ है. महामारी के इस दौर में इस परियोजना में बड़े पैमाने पर जनता के लिए कोई ‘सर्विस’ नहीं है और ना ही यह ‘आवश्यक कार्य’ है.’
याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट सिद्धार्थ लूथरा ने पिछले हफ्ते चीफ जस्टिस डीएन पटेल और जस्टिस जसमीत सिंह की खंडपीठ के समक्ष मामला प्रस्तुत किया था. उन्होंने कहा था कि याचिकाकर्ता इस परियोजना को रोकने की मांग नहीं कर रहे हैं बल्कि महामारी के दौरान इसके निर्माण कार्य पर अंतरिम रोक चाहते हैं.
केंद्र ने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट मामले की दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान कहा था कि परियोजना के निर्माण को रोकने की मांग करने वाली याचिका ‘कानून की प्रक्रिया का सरासर दुरुपयोग है और परियोजना को रोकने के लिए एक और प्रयास है.’ केंद्र ने दिल्ली हाईकोर्ट को बताया कि 19.04.2021 के डीडीएमए आदेश के अनुसार, कर्फ्यू के दौरान उन निर्माण कार्यों की अनुमति है जहां मजदूर निर्माण स्थल पर ही रहते हैं. सरकार ने इस दावे का भी खंडन किया कि सराय काले खा कैंप से श्रमिकों को रोज लाया जाता है. सेंट्रल विस्टा एवेन्यू में काम नवंबर 2021 तक पूरा होना है. केंद्र ने आगे कहा, ‘परियोजना पर काम करने वाले श्रमिक सोशल डिस्टेंसिंग के साथ अन्य सभी कोविड नियमों का पालन कर रहे हैं.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले साल 10 दिसंबर को इस परियोजना की आधारशिला रखी थी. इस प्रोजेक्ट के तहत संसद भवन की नई बिल्डिंग और राष्ट्रपति भवन से लेकर इंडिया गेट तक 3 किलोमीटर के क्षेत्र को नए सिरे बसाया जा रहा है. ये पूरी परियोजना करीब 20,000 करोड़ रुपए की है. संसद भवन की नई बिल्डिंग का निर्माण टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड के तहत किया जा रहा है. इस परियोजना पर 971 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है. नया संसद भवन त्रिकोणीय आकार का होगा. साल 2022 में देश के 75वें स्वतंत्रता दिवस तक इसके तैयार होने की उम्मीद है
Topics: अड्डा ब्रेकिंग