Reported By: न्यूज अड्डा डेस्क
Published on: May 21, 2020 | 3:34 PM
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मुंबई. यहां गुरुवार को कांदिवली इलाके में घर जाने के लिए जुटे प्रवासी मजदूरों के बीच भगदड़ और हिंगामे की स्थिति बन गई। दोपहर में महावीर मैदान में श्रमिकों को बुलाया गया था। कागजों की जांच के बाद उन्हें बस से बोरीवली स्टेशन ले जाया जाना था। पहली ट्रेन बोरीवली से जौनपुर के लिए और दूसरी ट्रेन वसई से जौनपुर के लिए रवाना होनी थी। लेकिन, इसी बीच ट्रेनों के कैंसिल होने की खबर आ गई। इससे मजदूर भड़क गए।
पुलिस ने मजदूरों को समझाने की कोशिश की, लेकिन जब मामला बढ़ने लगा तो केंद्रीय सुरक्षा बल के जवानों को बुलाया गया। ट्रेनों के कैंसिल होने की सूचना के बारे में जब सीपीआरओ वेस्टर्न रेलवे को फोन किया गया तो उन्होंने कहा कि अभी कौन सी ट्रेन चलानी है या कैंसिल करनी है यह राज्य सरकार का विषय है। इस पर अधिक जानकारी उनकी ओर से दी जाएगी। फिलहाल, यह अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है कि यह ट्रेनें रद्द हुई हैं या चलेंगी।
पालघर में भी उमड़ी प्रवासी मजदूरों की भीड़
पालघर के आर्यन स्कूल मैदान में भी इसी तरह प्रवासी मजदूरों को इकट्ठा किया गया था। ज्यादातर मजदूर यूपी जाने के लिए ट्रेन का रजिस्ट्रेशन करवाने पहुंचे थे। भीड़ बढ़ती देख पुलिस ने कुछ देर के लिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया रोक दी। पुलिस इनके नाम पते लेकर इन्हें एक टोकन दे रही है। इसके आधार पर ही अब मजदूरों को टिकट दिया जाएगा।
बांद्रा स्टेशन के बाहर भी जमा हुई थी ऐसी भीड़
इससे पहले मुंबई के बांद्रा स्टेशन के बाहर मंगलवार सुबह 10-11 बजे श्रमिक स्पेशल ट्रेन पकड़ने के लिए 5000 से ज्यादा लोग इकट्ठा हो गए थे। जिस ट्रेन को रवाना होना था, उसके लिए सिर्फ 1000 लोगों का ही रजिस्ट्रेशन था। स्टेशन के बाहर लगातार बढ़ती भीड़ को संभालने के लिए पुलिस को हल्का बल प्रयोग करना पड़ा। जानकारी के मुताबिक, श्रमिक स्पेशल ट्रेन मुंबई से बिहार जा रही थी। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों की जमकर धज्जियां उड़ीं।
एक महीने पहले भी ऐसी घटना हुई थी
एक महीने पहले भी मुंबई के बांद्रा स्टेशन के बाहर हजारों लोग जुटे थे और घर भेजने की मांग करने लगे। इसके बाद पुलिस को लाठीचार्ज कर लोगों को भगाना पड़ा था। इस मामले में भीड़ को उकसाने के आरोप में एक पत्रकार समेत 6 लोगों पर केस भी दर्ज हुआ था।
20 लाख मजदूरों ने घर वापसी के लिए आवेदन किया
राज्य में 20 लाख ऐसे मजदूर हैं, जो अपने गृह राज्य जाने के लिए कोशिश कर रहे हैं। ज्यादातर यूपी-बिहार और पश्चित बंगाल के हैं। अब तक करीब 3 लाख मजदूरों को महाराष्ट्र सरकार ने उनके राज्यों में भेजा है। उन मजदूरों का कोई रिकॉर्ड नहीं है जो निजी वाहन से या पैदल चले गए हैं। इसकी पुष्टि राज्य के गृहमंत्री अनिल देशमुख की ओर से की गई है।
कोरोना लेकर अपने गांव न जाएं प्रवासी मजदूर: उद्धव
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सोमवार को जनता से अपील की है कि वे संक्रमित होकर अपने गांव-घर न जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा, राज्य के जो हिस्से ग्रीन जोन हैं उन्हें सुरक्षित रखना है। उन्हें रेड जोन नहीं बनने देना है। जो अभी रेड जोन हैं, उन्हें ग्रीन जोन में बदलना है। इसीलिए रेड जोन में लॉकडाउन के दौरान लगाई गई पाबंदियों में कोई ढील नहीं दी जाएगी।
Topics: अड्डा ब्रेकिंग