Reported By: Ram Bihari Rao
Published on: Jun 3, 2022 | 9:28 PM
463
लोगों ने इस खबर को पढ़ा.
रामकोला/कुशीनगर। त्रिवेणी चीनी मिल रामकोला के सभागार में शुक्रवार को आयोजित गन्ना विभाग के प्रशिक्षण कार्यक्रम में गन्ना संस्थान व प्रशिक्षण केंद्र पिपराइच के सहायक निदेशक ओमप्रकाश गुप्ता ने कहा कि उन्नतशील प्रजाति के बीज, अर्ली व सामान्य प्रजातियों के समानुपातिक खेती से ही गन्ने की उपज में बढ़ोत्तरी की जा सकती है। प्रशिक्षण में सेवरही के वैज्ञानिक वाईपी भारती ने कहा कि गन्ने का काना रोग लाइलाज बीमारी है।इस बीमारी के रोकथाम के लिए मिट्टी व गन्ना बीज को उपचारित करना जरूरी है। जैविक भवन गोरखपुर के वैज्ञानिक डा0 अवधेश कुमार ने जानकारी दी कि गन्ने में जितना अधिक कीटनाशक का प्रयोग किया जाएगा उतना अधिक प्रदूषण फैलेगा जो मानव जीवन के लिए बेहद घातक है। ट्राइको कार्ड दिखाते हुए उन्होंने कहा कि इसके प्रयोग से इन सभी दुष्प्रभाव से बचा जा सकता है। रामकोला पी के ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक ने किसानों से घोषणा पत्र भरने को कहा। चीनी मिल के वरिष्ठ गन्ना प्रबंधक डॉ संजय त्रिपाठी ने कहा कि चीनी मिल अनुदानित दर पर दवा दे रही है व छिड़काव भी करवा रही है। किसानों को इसका लाभ लेना चाहिए।
प्रशिक्षण में केन यूनियन के सचिव अंगद वर्मा, चीनी मिल के कारखाना प्रबंधक मानवेन्द्र राय, सेवरही के वैज्ञानिक ओ0पी0 सिंह ने भी अपने विचार रखे और गन्ना विकास के लिए सरकार द्वारा संचालित योजनाओं की विधिवत जानकारी दी। इस दौरान पर संजय चौबे, मनोज गोविंद राव, तारकेश्वर गोविन्द राव,सुनील सिंह, यशविंदर सिंह सहित आदि कर्मचारी उपस्थित रहे।
Topics: बिज़नेस और टेक्नोलॉजी रामकोला