Reported By: Upendra Kushwaha
Published on: Sep 7, 2022 | 6:21 PM
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पडरौना/कुशीनगर। गुलाम भारत की आजादी के लिए सिर पर कफन बांधकर निकल पड़ने वाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्वर्गीय राधे कोईरी और स्वर्गीय बैजनाथ प्रसाद वर्मा के पैतृक गांव को जाने वाली सड़क बदहाल है। सड़क पर बाजार से निकलने वाली कूड़ा कबाड़ा मंदिर के निकट फेंकी गई है तो कहीं बरसात और घरों से निकलने वाली पानी की निकासी के लिए नाली ही गायब है।
पडरौना तहसील क्षेत्र की ग्राम जंगल बनबीरपुर को स्वतंत्रता संग्राम सेनानीयों में स्वर्गीय राधे कोइरी और स्वर्गीय बैजनाथ प्रसाद वर्मा की जन्मदायिनी होने का गौरव प्राप्त है। यह गांव सिधुआं बाजार के नाम से विख्यात होने वजह से चारों तरफ से आने जाने वाले मार्गों को जोड़ता है। दो-दो सेनानीयों का गांव होने के चलते यहां योजना के तहत विकास के क्रम में दो दशक पहले यहां के ग्राम प्रधान रहे रामायण कुशवाहा के कार्यकाल में बनवाए गए संपर्क मार्ग पीच सड़क को राजनीतिक दलों और अफसरों ने मरम्मत कराने और नए सिरे से बनवाने के लिए सुधि नहीं ली। डेढ़ दशक पूर्व ग्राम प्रधान रहे स्वर्गीय मुरारी लाल कुशवाहा ने जंगल बनबीरपुर गांव से जुड़ा सिधुआं बाजार में व्यापारियों के लिए सार्वजनिक सुलभ शौचालय और हाट पैड की सौगात दी गई थी। अब हालत यह कि यहां न तो गांव से जोड़ने वाली मेन सड़क का निर्माण हो सका है,और ना ही सिधुआं बाजार में बनाए गए हाट पैड के साथ व्यापारियों के लिए बनवाए गए सुलभ शौचालय की भी मरम्मत कार्य कई वर्षों से अधूरा पड़ा है। सिधुआं बाजार में दुकानों और बरसात के पानी के निकासी के लिए पूर्व में बनवाई गई नाली भी गायब है। सिधुआं बाजार में मेन सड़क के किनारे जगह-जगह लगी कबाड़ से होने वाली गंदगी दुर्दशा की दास्तान बयां कर रही हैं। हालांकि सेनानियों के परिजनों और उनके गांव वालों ने सड़क, जलनिकासी समेत अन्य मूलभूत सुविधाओं की मांग नहीं की हो, लेकिन जिम्मेदारों और राजनीतिक दलों की उदासीनता के कारण जंगल बनवीरपुर सेनानियों का गांव बदहाल पड़ा है। इस गांव के महेश चौधरी, मोहन कुशवाहा समेत सिधुआं बाजार के व्यापारियों के अध्यक्ष पंकज कुशवाहा,संरक्षक अशोक कुशवाहा,सुनील कुशवाहा,प्रदीप यादव,संजीव सोनी,संदीप वर्मा, सत्येंद्र मिश्रा,अनील बर्मा,डाक्टर सुभाष कुशवाहा का कहना था कि जब देश की आजादी में भूमिका निभाने वाले सेनानियों के गांव की स्थिति यह है तो फिर जिलेभर के गांवों में बेहतर व्यवस्थाओं की बात करना बेमानी है।
स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रहे राधे कोईरी आज भी नाती पोते जीवित हैं तो सेनानी स्वर्गीय बैजनाथ प्रसाद वर्मा की पत्नी आज भी जीवित हैं। 15 अगस्त और 26 जनवरी के खास अवसर पर अफसर उन्हें कलक्ट्रेट पर बुलाकर सम्मानित भी करते हैं। सेनानी की पत्नी भी कई बार गांव की स्थिति को लेकर अफसरों से अवगत करा चुकीं हैं,लेकिन उनके अवगत कराने के बाद भी जिम्मेदारों की नजर गांव की तरफ नहीं पड़ी।
बोले डीपीआरओ: डीपीआरओ अभय यादव ने कहा इससे पहले भी एक अखबार ने इस मामले को संज्ञान में लाया था। अब जनसंदेश टाइम अखबार ने पुनः दोबारा संज्ञान में लाया है। मौके की स्थिति को देखने के लिए मैं वे सहायक ग्राम पंचायत अधिकारी विकासखंड पडरौना और वीडियो को स्वयं भेजेंगे। डोल मेला और मोहर्रम के के साथ अन्य त्योहारों और मीटिंग की वजह से इस गांव की बदहाली को दूर करने का कार्य नहीं हो पा रहा था। सफाई किट और ट्रेलर ट्राली के साथ सफाई कर्मियों की एक टीम भेजकर गांव में साफ-सफाई की व्यवस्था पहले सुनिश्चित की जाएगी। अगर जलनिकासी की भी समस्या है तो उसे भी दूर किया जाएगा। सामुदायिक शौचालय की मरम्मत कराने के साथ ही पेयजल की व्यवस्था की जाएगी।
Topics: पड़रौना सरकारी योजना