Reported By: न्यूज अड्डा डेस्क
Published on: Nov 2, 2020 | 10:51 AM
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लखनऊ | सूर्य उपासन के पर्व छठ पूजा पर भी कारोना का ग्रहण लग गया है। 18 नवंबर से शुरू होने वाले इस पर्व के आयोजन को लेकर तैयारियां भले ही शुरू हो गई हों, लेकिन कोरोना संक्रमण को रोकने के सरकार के नियमों के पालन की चुनौती भी मुंह बाए खड़ी है। अखिल भारतीय भोजपुरी समाज की ओर से लक्ष्मण मेला घाट पर पिछले 36 वर्षों से पूर्वांचल का यह प्रसिद्ध पर्व मनाया जाता है। 36 घंटे के इस निर्जजा व्रत के दो दिन पहले से ही तैयारियां शुरू हो जाती हैं।
भोजपुरी समाज के अध्यक्ष प्रभुनाथ राय ने बताया कि सुरक्षा कारणों से बड़े आयोजन नहीं होंगे। सांस्कृतिक कार्यक्रमों को स्थगित कर दिया गया है। 20 नवंबर को शाम और 21 नवंबर को सुबह सूर्य की उपासना का मुख्य पर्व है। सभी से घरों के आसपास पार्कों व छतों पर पूजन करने की अपील की गई है। शारीरिक दूरी बनाने और सुरक्षा को लेकर जिला प्रशासन के साथ कमेटी की बैठक की गई। जिला प्रशासन जो निर्णय लेगा उसका पालन कराया जाएगा। कोरोना संक्रमण से बचाव के साथ ही घाट पर 200 लोगों को पूजा की अनुमति देने पर मंथन चल रहा है।
मनकामेश्वर उपवन घाट पर भी कोरोना संक्रमण की गाइड लाइन के अनुसार ही पूजन होगा। महंत देव्या गिरि ने बताया कि महिलाओं को शारीरिक दूरी के साथ पूजन कर सकेंगी। ओम ब्राह्मण महासभा के अध्यक्ष धनंजय द्विवेदी ने भी शिव मंदिर खदरा के छठ घाट पर बिना सांस्कृतिक कार्यक्रमों के पूजन करने का एलान किया गया। श्री खाटू श्याम मंदिर घाट, पंचमुखी हनुमान मंदिर घाट, झूलेलाल घाट, कुड़ियाघाट व अग्रसेन घाट पर भी पूजन होगा। सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं होंगे।
भोजपुरी समाज के अध्यक्ष प्रभुनाथ राय ने बताया कि सुरक्षा कारणों से बड़े आयोजन नहीं होंगे। 200 लोगों को पूजा करने की अनुमति के लिए प्रशासन से अपील की गई है। सांस्कृतिक कार्यक्रमों को स्थगित कर दिया गया है। 20 नवंबर को शाम और 21 नवंबर को सुबह सूर्य की उपासना का मुख्य पर्व है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से 20 नवंबर को छठ के पर्व पर अवकाश घोषित करने की मांग की गई। मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी प्रेषित किया गया। सभी से घरों के आसपास पार्को में पूजन करने की अपील भी की गई है। मनोज कुमार, अंब्रीश राय, संजय सिंह वेद प्रकाश राय व रामबिलास यादव सहित कई पदाधिकारी शामिल हुए।