Reported By: न्यूज अड्डा कसया
Published on: Mar 24, 2022 | 4:30 PM
769
लोगों ने इस खबर को पढ़ा.
कुशीनगर। जो चीज आपके अनुरूप नही है उसको अपने अनुरूप बना लेना ही व्यक्ति की कुशलता है। समाज ऐसे अनेको अवसर आते हैं जब हमको अपनी सोच के अनुरूप व्यवस्था या लोग नही मिलते हैं। लेकिन व्यस्था के अनुरूप अपने को ढाल लेने वाला और व्यवस्था को अपने अनुरूप ढाल लेने वाला व्यक्ति ही सफल होता है। अगर आप ऊँचाई छूना चाहते हैं तो पहले आपको तपना होगा तभी आप निखरेंगे। आप लोगो के बीच अपनी छाप छोड़ना चाहते हैं तो आपको अपने व्यक्तित्व व कृतित्व से छाप छोड़ना होगा। आपको पहले सूर्य की तरह तपना होगा तभी सूर्य की तरह चमकेंगे और दुनिया आपको सलाम करेगी। अगर आप ढान ले तो कुछ भी करना असंभव नही है। बस आपको अहंकार छोड़कर सीखना होगा और कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी। आपको अपने विकास के साथ साथ समाज के विकास के प्रति अपने कर्तव्य का भी निर्वहन करना है क्योंकि हम सभी समाज के ही एक अंग हैं। राष्ट्रीय सेवा योजना हमें यही सीखाती है। उपरोक्त बातें कुशीनगर के पूर्व विधायक श्री रजनीकांत मणि त्रिपाठी ने बुद्ध पी जी कॉलेज कुशीनगर की राष्ट्रीय सेवा योजना द्वारा सप्तदिवसिय शिविर के उद्घाटन के अवसर पर बौद्धिक परिचर्चा में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए कहा। आपने इस अवसर पर कहाकि हमें समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुचने की कोशिश करनी चाहिए। आपने मंच से ही यह घोषणा की कि कोई स्वयंसेवक यदि राजनीति, पत्रकारिता, वकालत, समाजसेवा, खेल या अन्य क्षेत्रों में अपना भविष्य बनाना चाहता है और उसके लिए संसाधनों की कमी पड़ रही है तो मैं ऐसी प्रतिभाओं की हर संभव मदद करने के लिए तैयार हूँ।
इस अवसर विशिष्ट अतिथि डॉ गौरव तिवारी ने ‘राष्ट्र निर्माण में राष्ट्रीय सेवा योजना की भूमिका’ विषय पर बोलते हुए कहा कि एक छात्र के रूप में हमारा लक्ष्य केवल कोरा ज्ञान की प्राप्ति नही होनी चाहिए। हमारा लक्ष्य व्यक्ति निर्माण से माध्यम से समाज निर्माण होना चाहिए।जब सरकार को छात्रों के सहयोग से समाज निर्माण का ख्याल आया तब उन्होंने ‘राष्ट्रीय सेवा योजना’की स्थापना की।इसके माध्यम से युवाओं को शिक्षा के साथ साथ समाज निर्माण में उनको सक्रिय भूमिका के निर्वहन हेतु तैयार किया जाता है।राष्ट्रीय सेवा योजना युवाओं को अधिकार के साथ साथ कर्तव्य पालन करना भी सिखाती है।हमे अपने अधिकारों के प्रति भी जागरूक होना पड़ेगा क्योंकि अगर आप अपने अधिकारों को नही जानते हैं तो शोषण को निमंत्रण दे रहे हैं।स्वन्त्रता किसी भी समाज का सर्वोच्च मूल्य है।इसकी रक्षा करना प्रत्येक स्वयंसेवक की जिम्मेदारी है।राष्ट्रीय सेवा योजना व्यक्तित्व विकास के विविध अवसर हमे उपलब्ध कराती है।उनमें यह सप्तदिवासिय शिविर भी एक माध्यम है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे बुद्ध पी जी कॉलेज कुशीनगर के प्राचार्य डॉ सिद्धार्थ पाण्डेय ने बताया कि प्राचीन काल की शिक्षा व्यवस्था में छात्रों को समाज से जुड़ने के विविध अवसर उपलब्ध थे।इसके माध्यम से उनके व्यक्तित्व का विकास होता था।छात्रों को समाज के बारे में जानने और समझने का अवसर प्राप्त होता था।राष्ट्रीय सेवा योजना का लोगो लाल रंग इसकी ऊर्जा,नीला रंग अनंत विस्तार और चक्र निरंतर गतिमान रहने का प्रतीक है। यह लोगो इस बात का प्रतीक है कि छात्रों के अंदर विद्यमान असीमित ऊर्जा का विस्तार और गतिमान करते हुए उसको ब्रह्मांड की ऊर्जा के साथ जोड़ना है ताकि आपकी ऊर्जा का सदुपयोग समाज निर्माण के कार्य मे भी हो सके।आप लोग इस अवसर का उपयोग करते हुए समाज निर्माण में अपनी भूमिका को देखें।
इस अवसर पर उपस्थित अतिथिगणों ने दीप प्रज्जवलन करके सप्तदिवासिय शिविर का विधिवत उद्घाटन किया।कार्यक्रम का संचालन कार्यक्रम अधिकारी डॉ जितेंद्र मिश्र ने किया।उपस्थित अतिथियों का परिचय और स्वागत वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी डॉ निगम मौर्य ने किया। आगत अतिथियों का स्वागत कार्यक्रम अधिकारी डॉ पारस नाथ ने किया।इस सप्तदिवासिय शिविर में राष्ट्रीय सेवा योजना की तीन इकाइयों- बुद्ध इकाई,सिद्धार्थ इकाई और तथागत इकाई को मिलाकर कुल 150 स्वयंसेवक प्रतिभाग कर रहे हैं।
Topics: कसया