Reported By: Sanjay Pandey
Published on: Nov 27, 2022 | 8:17 PM
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खड्डा/कुशीनगर। नेबुआ नौरंगिया विकास खण्ड के सिंगहा चौराहे पर रविवार को एरिज एग्रो के द्वारा एक किसान गोष्ठी का आयोजन हुआ। किसान गोष्ठी में किसानों को कृषि तकनीकी, सहफसली खेती सहित विभिन्न प्रकार की जानकारी दी गई।
गोष्ठी में कृषि प्रसार अधिकारी भीमशंकर सिंह ने कहा कि जानकारी के अभाव में किसान जरूरत से ज्यादा मात्रा में खाद का प्रयोग कर रहे हैं जिसके चलते जहां धन का नुक़सान है वहीं पर्यावरण भी दूषित हो रहा है। किसान रासायनिक खाद की मात्रा कम करके आर्गेनिक खाद का प्रयोग करें तो उससे फसल और मनुष्य दोनों के लिए स्वास्थ्यवर्धक है।शरद कालीन गन्ने में बकला और तोरी की सह- फसल लगा कर मुनाफा कमाया जा सकता हैं।15 सितंबर से नवम्बर माह के अंत तक ही शरद कालीन गन्ने की बुआई करनी चाहिए। स्वस्थ गन्ने को बावस्टिन के घोल में सोधन करने के बाद ही किसान भाई उसकी बुआई करें। बुआई के 45 दिनों बाद पहली सिंचाई कर देने से सौ प्रतिशत गन्ने का अंकुरण हो जाता हैं। मानसून आने के पूर्व मिट्टी चढा कर गन्ने की बधाई करा देने से गन्ना जमीन पर गिरने से बच जाता है। गेहूं, तोरी में दाने छोटे और छिल्लीदार बनने के कारणों को रोकने के लिए फसल में सल्फर और जिंक व कैल्शियम का प्रयोग खेतों में करें। तोरी में फूल आने के बाद एम 45 व कार्बेन्डाजिम का छिड़काव कर फसल को ठंढ से बचाव होने के साथ साथ दाने भी अच्छे लगते हैं। किसानों को सहफसली और आर्गेनिक खाद के उपयोग के फायदे के प्रति जागरूक किया गया।
इस दौरान शांतिश शाही, हेमंत श्रीवास्तव, सम्पूर्णानंद मिश्र, अभिषेक शाही, प्रद्युम्न तिवारी, मनोज राय, रामानंद राय, शम्भू शाही, संतोष तिवारी, राघवेन्द्र शाही, चन्दन यादव, विरेन्द्र यादव, अमरेन्द्र शाही, सुशील गुप्ता, सिंटू शाही आदि मौजूद रहे।
Topics: खड्डा नेबुआ नोरंगिया