कुशीनगर। आजकल जमाने में कई किस्म की बुराइयां जलन व एखतलाफ के साथ-साथ लोगों के जिवन में बहुत समस्या का जड़ उत्पन्न होता जा रहा है। जिसके चलते एक दूसरे की वजह से सभी परेशान हाल हैं,जो की परेशानी का सबब कुछ लोगों की गलतियों का वजह बन जाता है। ठीक वैसे ही जब उक्त मर्ज का कोई इलाज नहीं मिलता है,तो लोग अपने विचार के मुताबिक दावा,दुआ,तंत्र मंत्र के तरह तमाम तरकीब के जरिए ठीक होने की उम्मीद करता है। मर्ज भी कुछ ऐसे होते हैं जो केवल दवा से ठीक हो जाते,कुछ मर्ज केवल दुआ से ठीक होते हैं,और वहीं कुछ मर्ज ऐसे होते हैं जो दुआ और दवा दोनों के इस्तेमाल के बाद मर्ज का सही ढंग से इलाज हो पाता है,और लोग अपनी परेशानी व बीमारी से ठीक हो पाते हैं। जबकि आजकल कुछ लोगों में जैसे युवतियां और महिलाओं में कुछ परेशानियों के सबब को अंधविश्वास के नजरिए से देखा जाता है और उसे ढोंग करने का दर्जा लोग दे देते हैं,क्योंकि वजह यह है की असलियत व हकीकत की पहचान उनकी हरकतों से सामने जाहिर होने लगता है,जिसको लेकर तमाशा करना या ढोंग करना दिखाई देता है।
पडरौना विकासखंड के अंतर्गत गांव कटनवार के मौजा सुखपुरा में हजरत हाजी मदनी शाह का आशियाना है,जो रूहानी इल्म के जानकार व दुआ ताबीज के साथ-साथ आयुर्वेदिक दवाखाना के जरिए लोगों की तमाम परेशानियों और बीमारियों से शिफा दिलाने का कार्य लगातार अपने जीवन में कमोबेश 39 वर्ष से जरूरतमंद लोगों का ख्याल और सेवा देने का काम करते चले आ रहे हैं। आपको बता दें कि हाजी मदनी शाह का जन्म 17 अक्टूबर सन 1950 ई० में बिहार प्रांत के जिला पश्चिमी चंपारण के गांव मधुबनी में हुआ था,मदनी बहुत ही गरीब और छोटे परिवार से ताल्लुक रखने वाले शख्स थे,मदनी शाह के बचपना गुजरने के बाद अपने होश संभालने के तत्कालीन लगभग 33 वर्ष की उम्र नौजवानी के आलम में मदनी ने बिहार से उत्तर प्रदेश के जनपद कुशीनगर में पहुंचे जहां उक्त पते पर अपना एक झोपड़ी का कुटिया बनाकर जीवन-यापन करने लगे,बता दें कि शाह परिवार से ताल्लुक रखने वाले मदनी कुछ अच्छे ईल्म के जानकार थे,जोकी इस जमाने में जाहिर करना नहीं चाहते थे। मीडिया के अपील करने के बाद हाजी मदनी ने बातचीत में बताया कि आवाम में जाहिर होने का सिलसिला सन 1984 ई० के अंतिम समय में सबसे पहला एक जिन्नति मामला जिले के ही पडरौना विकासखंड के खिरियाटोला गांव में हुआ था,जहां हमारे इल्म और खुदा के करम से उक्त शख्स को जिन्नात से छुटकारा मिल पाया था। उसी दौरान लोगों में चर्चा का विषय बन गया और अपनी समस्या को लेकर मेरे पास आजतक पहुंच रहे हैं। गौरतलब कि हजरत मदनी शाह 73 वर्ष की उम्र में अपने कर कमलों के जरिए लोगों में निशुल्क सेवा करने की निस्बत से रोज़ाना 6 बजे से 11 बजे तक आवाम को वक्त देते हैं और उनकी समस्याओं का हल निकालते हैं। बताते चलें कि हिंदू मुस्लिम सभी समुदाय से जुड़े लोग अपनी फरियादो को लेकर उनके पास पहुंचते हैं।
उन्होंने बताया कि यूपी,बिहार,बंगाल,नेपाल लखनऊ,दिल्ली,मुंबई के अलावा कई राज्यों से लोग मेरे पास आते हैं। सभी समुदाय से जुड़े लोगों को एक नजरिए से देखना मेरा कर्तव्य और धर्म है,उन्होंने बताया कि मैं इस उम्र में सब की सेवा एक नजरिए से करने की साहस रखता हूं। जबकि लोग वहां उनसे मुलाकात के बाद नजराने के रूप में जैसे कि कुछ पैसे देते हैं,उन पैसों के बारे में पूछे जाने पर बताया कि जनता जो भी पैसे देती है उन सभी पैसों से गरीब,यतीम,मिस्कीन,लाचार की सहायता के साथ-साथ गरीब बच्चों की शादियों में खर्च करने के अलावा एक छोटी सी मस्जिद के सुंदरीकरण में खर्च किया जाता है,मेरा मकसद है कि जरूरतमंदों की जरूरतों को पूरा किया जा सके।
कुशीनगर। जनपद में गोतस्करी के विरुद्ध चलाए जा रहे सघन अभियान के तहत तुर्कपट्टी…
पड़रौना,कुशीनगर। जनपद में पोलियो अभियान का शुभारंभ रविवार को सीएमओ डॉ चंद्रप्रकाश द्वारा राजकीय…
कुशीनगर। जिले के तमकुहीराज थाना क्षेत्र अंतर्गत दाहूगंज बाजार स्थित चकला फील्ड, कुशीनगर में…
कुशीनगर। बिहार में पूर्ण शराबबंदी और आगामी न्यू ईयर के मद्देनज़र शराब माफिया एक…