Reported By: न्यूज अड्डा कसया
Published on: Mar 28, 2022 | 5:09 PM
463
लोगों ने इस खबर को पढ़ा.
कुशीनगर। पॉलीथिन का जनक यह मनुष्य ही है।हम लोगो ने पॉलीथिन को आज के समय अपरिहार्य जरूरत भी हम लोगो ने ही बनाया है।हम लोग पॉलीथिन के इतने आदि हो चुके हैं कि उसके बिना आज जीवन की कल्पना करना भी मुश्किल सा लगने लगा है।जबकि पॉलीथिन अत्यधिक और अनियोजित प्रयोग के दुष्प्रभाव अब नजर आने लगे हैं।हालात यह हो गयी है कि सरकार के द्वारा सिंगल यूज़ पॉलीथिन पर प्रतिबन्ध लगाने के बावजूद भी हम लोग चोरी छुपे इसका प्रयोग जारी रखे हुए हैं।जबकि पॉलीथिन का हम लोग इसी तरह प्रयोग करते रहे तो पर्यावरण को इतनी क्षति होगी कि पूरी मानवता पर संकट छा जाएगा।उपरोक्त बातें राष्ट्रीय सेवा योजना शिविर के पाँचवे दिन बौद्धिक परिचर्चा सत्र में मुख्य अतिथि समाजसेवी श्री राकेश जायसवाल ने कही। आपने स्वयंसेवको को प्लास्टिक सामग्री के प्रयोग से बचने की सलाह दिया।अपने सब्जी या अन्य सामग्री को लाने के लिये जुट के थैले के प्रयोग का आह्वान किया।
आज के कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि डाक्टर शंभूदयाल कुशवाहा जी ने कहा कि प्लास्टिक मुक्त समाज स्वयं मे भ्रमपूर्ण विचार है।आपने पालीमर से लेकर प्लास्टिक के विकास क्रम से परिचय कराया।आपने बताया कि प्लास्टिक सस्ता और टिकाऊ,परिवहन में उपयोगी होने के कारण बहुप्रचलित हो गया,लेकिन इसके प्रयोग से अनेकों पर्यावरणीय दुष्प्रभाव होते है।अतः हमको प्लास्टिक के प्रयोग से यथासंभव बचने की सलाह दी। कार्यक्रम के अध्यक्ष डाक्टर रवि पांडेय ने प्लास्टिक के निर्माण की प्रक्रिया का वर्णन किया ।प्लास्टिक ऐसा तत्व है जिसको खाकर लाखों जानवर प्रतिवर्ष मर जाते हैं।उन्होंने बताया कि भविष्य में बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक के निर्माण की संभावना है।
अतिथियों का परिचय मुख्य कार्यक्रम अधिकारी डॉ निगम मौर्य ने किया।विषय स्थापना डॉ जितेंद्र मिश्र ने किया।कार्यक्रम का संचालन स्वयंसेवक अनन्या मिश्र और आभार ज्ञापन अंजू ने किया।
इससे पूर्व कार्यक्रम अधिकारी डॉ पारस नाथ के नेतृत्व में शिविरार्थियों ने पॉलीथिन के दुष्प्रभाव से जन जन को अवगत कराने के लिए जागरूकता रैली निकाली।जागरूकता रैली को कॉलेज के प्रचार्य डॉ सिद्धार्थ पांडेय ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।इस अवसर पर डॉ राजेश कुमार सिंह,डॉ गौरव तिवारी,डॉ त्रिभुवन नाथ त्रिपाठी,डॉ अर्जुन सोनकर और स्वयंसेवकअनिकेत,आशीष,आयुष,अनुराधा,जयामणि आदि मौजूद रहे।
Topics: कसया