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कुशीनगर: निर्माणाधीन राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय लक्ष्मीपुर छात्रावास का जिलाधिकारी ने किया औचक निरीक्षण

न्यूज अड्डा कसया

Reported By:
Published on: Jan 5, 2024 | 6:50 PM
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कुशीनगर: निर्माणाधीन राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय लक्ष्मीपुर छात्रावास का जिलाधिकारी ने किया औचक निरीक्षण
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  • ट्रांजिट हॉस्टल के निर्माण कार्यों में विलंब करने तथा खराब गुणवत्ता वाली सामग्रियों का प्रयोग करने पर, कार्यदायी संस्था यूपीसीएलडीएफ के प्रोजेक्ट मैनेजर के विरुद्ध शासन को पत्र संदर्भित करने के जिलाधिकारी ने दिए निर्देश
  • परिसर में व्याप्त गंदगी, भवन के अनुरक्षण हेतु प्राप्त धनराशि का दुरुपयोग करने व पढ़ाई की गुणवत्ता उत्कृष्ट न मिलने के कारण जि० समाज कल्याण अधि० एवं रा०आ०वि० प्रधानाचार्य के विरुद्ध प्रतिकूल प्रविष्टि देने के जिलाधिकारी ने दिए निर्देश
  • समाज कल्याण विकास निगम के द्वारा मानक के विपरीत व खराब गुणवत्ता के रा०आ०प० विद्यालय (2017) में निर्माण कार्य कराए जाने के कारण संस्था के प्रोजेक्ट मैनेजर के विरुद्ध कार्यवाही करने तथा शासन को पत्र संदर्भित करने के जिलाधिकारी ने दिए निर्देश
  • छात्रावास के अंतर्गत संपूर्ण निर्माण कार्यों की गुणवत्ता जांच कर अधि०अभि० लो०नि०वि० को रिपोर्ट प्रेषित करने के जिलाधिकारी ने निर्देश

कुशीनगर। राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय लक्ष्मीपुर, पडरौना के निर्माणाधीन ट्रांजिट हॉस्टल/छात्रावास के निर्माण कार्यों का जिलाधिकारी उमेश मिश्रा द्वारा औचक निरीक्षण किया गया। साथ में मुख्य विकास अधिकारी गुंजन द्विवेदी भी उपस्थित रही।

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निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी द्वारा कार्यदायी संस्था यू.पी.सी.एल.डी.एफ. के अभियंता व जिला समाज कल्याण अधिकारी से स्वीकृत बजट के सापेक्ष व्यय की गई धनराशि, निर्माण कार्य के पूर्ण होने की अवधि की जानकारी ली गई। निरीक्षण के दौरान प्रथम दृष्ट्या पाया गया की निर्माण कार्य(प्रोजेक्ट) की प्रगति बहुत धीमी है तथा निर्माण कार्य में प्रयुक्त होने सामग्रियों की गुणवत्ता बहुत खराब है। जिसपर जिलाधिकारी द्वारा रोष प्रकट करते हुए कार्यदायी संस्था यूपीसीएलडीएफ के प्रोजेक्ट मैनेजर के विरुद्ध शासन को पत्र संदर्भित करने हेतु निर्देशित किया गया। उन्होंने कहा की कार्यदाई संस्था के द्वारा कराया गया कार्य उत्कृष्ट नही है यह अत्यंत ही निंदनीय अतः भविष्य में इसे किसी भी प्रकार का प्रोजेक्ट न दिया जाए। निरीक्षण के दौरान प्रयुक्त हो रहे ईटों की गुणवत्ता उच्च श्रेणी की नहीं होने के कारण इसे तत्काल बदलने के निर्देश दिए।* निर्माण कार्य में हो रही देरी व धीमी प्रगति पर कार्यदायी संस्था के अभियंता को इसे गुणवत्तापूर्ण तथा मानक के अनुरूप शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए तथा अभी तक कराए गए ट्रांजिट छात्रावास के संपूर्ण निर्माण कार्यों की गुणवत्ता की जांच कर अधि०अभि० लो०नि०वि० को रिपोर्ट प्रस्तुत करने हेतु निर्देश दिए गए।

तत्पश्चात जिलाधिकारी द्वारा छात्रावास के समीप स्थित पूर्ण हुए प्रधानाचार्य आवास तथा टाइप एक के आवासों का निरीक्षण किया गया। जिसमे प्रथम दृष्ट्या खिड़किया, शीशे, दरवाजे टूटे हुए मिले तथा परिसर एवं भवन में इर्द गिर्द गन्दगी व्याप्त मिली, जिसपर जिलाधिकारी द्वारा नाराजगी प्रकट की गई तथा संपूर्ण परिसर की पैमाईश कराने व परिसर तथा आवास में व्याप्त गंदगी की शीघ्र साफ सफाई कराने हेतु उपस्थित ग्राम प्रधान, प्रधानाचार्य व संबंधित अधिकारी को निर्देशित किया गया।

तत्पश्चात जिलाधिकारी द्वारा समाज कल्याण विकास निगम के द्वारा 2017 में निर्माण कराई गई पुरानी राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय के छात्रावास, कैंटीन, स्टोर रूम, कक्षाएं तथा सम्पूर्ण भवन का बारी बारी से निरीक्षण करते हुए हॉस्टल में उपस्थित हाई स्कूल के छात्रों से संवाद कर आसान सवालों के माध्यम पढ़ाई की गुणवत्ता का भी निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान प्रथम दृष्ट्या 2017 में बनकर तैयार हुए भवन की स्थिति बहुत ही जर्जर मिली, जिसमे जगह जगह प्लास्टर उखड़े मिले तथा छात्रों के कमरे के शीशे व खिड़किया भी टूटी मिली, परिसर में कई जगह गन्दगी व्याप्त मिली तथा पढ़ाई की गुणवत्ता भी उत्कृष्ट नही मिली, जिसपर जिलाधिकारी द्वारा समाज कल्याण विकास निगम के द्वारा निर्माण कराए गए विद्यालय की अत्यंत खराब गुणवत्ता पर कार्यदाई संस्था के विरुद्ध शासन में पत्र संदर्भित करने हेतु मुख्य विकास अधिकारी को निर्देश दिए।जिलाधिकारी द्वारा छात्रों से आसान सवाल पूछने और उनके द्वारा उत्तर न देने के कारण , पढ़ाई की गुणवत्ता के दृष्टिगत प्रधानाचार्य पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की गई तथा परिसर में व्याप्त गंदगी, भवन के अनुरक्षण हेतु प्राप्त धनराशि का पेंट, मरम्मत आदि कार्यों में उचित उपयोग नहीं करने व उचित रख रखाव नहीं करने, पढ़ाई की गुणवत्ता असंतोषप्रद मिलने के कारण जि० समाज कल्याण अधि० एवं रा०आ०वि० प्रधानाचार्य के विरुद्ध प्रतिकूल प्रविष्टि देने हेतु मुख्य विकास अधिकारी को निर्देशित किया गया। उन्होंने कहा की जिस भी संस्था के द्वारा निर्माण कार्य कराकर सुपुर्द किया गया है, उसकी जांच कराकर संपूर्ण आख्या मेरे समक्ष अधि0 अभि0 लो0नि0वि0 प्रस्तुत करे।

निरीक्षण के दौरान अधि० अभि० सुरेंद्र सिंह , सहायक अभि० लोक निर्माण वि० , प्रधानाचार्य अनूप कुमार श्रीवास्तव , जिला समाज कल्याण अधि० विनय कुमार तथा कार्यदाईं संस्था के अभियंता, ग्राम प्रधान एवं जनपद स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे।

Topics: पड़रौना

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