रामकोला चीनी मिल ने लखीमपुर से 10000 कुंतल बीज मंगाया
रामकोला/कुशीनगर। रामकोला चीनी मिल के सभागार में गुरूवार को गन्ना किसान संस्थान प्रशिक्षण केंद्र पिपराईच गोरखपुर द्वारा “गन्ना पर्यवेक्षकों” का प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजित किया गया।
सेवरही गन्ना शोध के वरिष्ठ वैज्ञानिक प्रजनन डा. के. पी. सिंह ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए बताया कि गन्ने की अधिक उपज देने वाली प्रजातियां को शा. 13235,9232 को लख – 14201 को 118 को से. 8452,13452 प्रजातियों की बुवाई करें। जिन खेतों में पानी लगता है उन खेतों में को. शा. 10239, यू. पी. 05125,98014 की बुवाई करें। गन्ना संस्थान के सहायक निदेशक ओमप्रकाश गुप्ता ने बताया कि एक एकड़ खेत में 40 से 42 कुंतल सुखी पत्ती निकलती है ,इसके प्रयोग से खरपतवारों का नियंत्रण होगा सड़कर जैविक खाद बनेगा सहफसली खेती करे आय बढ़ेगी । डा. सत्येंद्र कुमार वैज्ञानिक सेवरही ने बताया की अधिक उपज के लिए ट्रेंच विधि से गन्ना बोए उपज बढ़ेगा चीनी मिल के वरिष्ठ गन्ना प्रबंधक डा. संजय त्रिपाठी ने बताया की गन्ना विकास के लिए 10 हजार कुंतल बीज गन्ना लखीमपुर से को. 118 को. लख – 14201 मंगाया गया है और आना जारी भी है उप गन्ना आयुक्त कार्यलय देवरिया से संख्यिक अधिकारी विजय कुमार ने बताया कि ये क्षेत्रीय गन्ना प्रतियोगिता में सर्वाधिक उपज लेने वाले कृषक को 5 हजार रुपया पुरस्कार मिलेगा। कीट वैज्ञानिक डा. विनय कुमार मिश्र ने बताया की जैविक कीट नियंत्रण के लिए ववेरिया,वेसियाना ट्राईको का प्रयोग करे कारखान प्रबंधक मानवेंद्र राय ने बताया कि चीनी मिल रामकोला से मृदा परीक्षण कराने के लिए सेवरही शोध संस्थान पर नमूना भेजा गया है । कृषि वैज्ञानिक हरिओम सिंह ने बताया की फसलों के विकास के संबंध में विधिवत जानकारी दी।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में रामकोला, कप्तानगंज , लक्ष्मीगंज, हाटा तथा चीनी मिल के गन्ना पर्यवेक्षक सम्मिलित रहे। अंत में श्री राज मनोहर कुमार श्रम कल्याण आभिकारी ने सभी के प्रति आभार प्रकट किया तथा सभी वैज्ञानिकों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया ।