News Addaa WhatsApp Group link Banner

आज की रात शब ऐ बारात, जाने क्यों हैं महत्वपूर्ण ये रात

न्यूज अड्डा डेस्क

Reported By:
Published on: Mar 18, 2022 | 10:08 PM
602 लोगों ने इस खबर को पढ़ा.

आज की रात शब ऐ बारात, जाने क्यों हैं महत्वपूर्ण ये रात
News Addaa WhatsApp Group Link
  • इबादत से मगफिरत की रात हैं “शब -ऐ -बारात”
  • अपने गुनाहो को बक्शिश व क़ब्र के मुर्दो के लिये दुआ कर मगफिरत दिलाने की अहम् रात हैं “शब -ऐ -बारात” l

कसया/कुशीनगर। शब- ऐ- बारात इस्लाम धर्म का एक महत्त्वपूर्ण पर्व हैं l यह पर्व इस्लामी कैलेंडर (अरबी )के मुताबिक शाबान महीने के 14वी या 15वी तारीख मे मनाया जाता हैं l इस पर्व को इबादत के पर्व से भी जाना जाता हैं l इस्लाम धर्म के पवित्र ग्रन्थ कुरान मजीद और सरियत मे भी साफ इस रात का -साफ उल्लेख हुआ हैं कि शब ऐ बारात की रात इबादत व मगफिरत की रात हैं l इस रात हर मुस्लमान को चाहिए कि वह अपने और अपने गुजर चुके दुनिया से परिवार के लोगो, रिस्तेदारो, बुजुर्गो और हर एक जानने वाले के गुनाहो की मगफिरत के लिये और उनको जन्नत नसीब के लिये पाक व साफ होकर मस्जिदों या घरों पर इबादत मे नमाजे नफील , सलातू तस्बीह, क़ज़ा उमरी, कुरान की तिलावत आदि के द्वारा सच्चे मन से इबादत करें और अंत मे पूरी शिद्दत के साथ अल्लाह से गुनाहो की बक्शिश की दुआ करता करें तो अल्लाह उसकी फरयाद व इबादत को जरूर सुनता हैं और उस व्यक्ति की गुनाहो को माफ कर उसे मगफिरत अता फरमाता हैं तथा व्यक्ति द्वारा मृत अपने परिवार, रिस्तेदार, बुजुर्ग या किसी भी जानने वाले के हक मे दुआ करता हैं तो उसकी दुआ अल्लाह कबूल करता हैं तथा उन मुर्दो की गुनाहो को बक्श देता हैं और जन्नत अता फरमाता हैं l शबे बारात की रात इस्लाम धर्म के पवित्र ग्रन्थ कुरान के मुताबिक उन चार रातो मे से एक अहम् रात हैं जो इंसान के हर गुनाहो की तोबा करने से गुनाहो की बक्शिश व मगफिरत की रात हैं l इसके अलावा वह तीन राते अशुरा, शब ऐ कद्र व शब ऐ मेराज की राते हैं l इन रातो मे भी इबादत करने का वही बड़ा मुकाम हैं जो शब ऐ बारात की रात की हैं l

आज की हॉट खबर- खड्डा: दो बाइकों में जबरदस्त टक्कर, एक की मौत, दूसरा...

इस पर्व पर मस्जिदों व घरों पर इबादत के अलावा आधी रात के बाद कब्रिस्तान अपने पूर्वजो, बुजुर्गो रिस्तेदारो व अपने परिजनों या जानने वालों के कब्रों का जियारत करना व उनके लिये शिद्दत के साथ मगफिरत के लिये दुआ करना भी इस इबादत के साथ जरूरी हैं l इस दिन इबादत के अलावा इस पर्व पर दो दिन का रोजा भी महिलाओ व पुरुषो द्वारा रखा जाता हैं l शब ऐ बारात की पर्व तो इबादत का पर्व हैं ही साथ ही इस पर्व के दिन मुस्लिम धर्म संप्रदाय के लोग तरह -तरह के पकवान जैसे हलवा, मीठा पकवान व भोजन भी बनाते हैं और अपने पडोसी व गांव रिस्तेदारो को भेंट करतें हैं l इस पर्व के कुछ दिन पहले से ही मस्जिदों, इबादत गाहो, घरों व कब्रिस्तानो की साफ -सफाई शुरू हो जाती हैं और पर्व के दिन घरों से लगायत कब्रिस्तानो व मस्जिदों को पूरी तरह रोशनी से सजा दिया जाता हैं तथा पूरी रात घर, मस्जिद व कब्रिस्तान रोशनी व अगरबत्ती और अतर के खुशबु से गुलजार रहता हैं l इस लिये इस पर्व को रहमतों, फ़जीलतो, बक्शीशो और इबादतों की रात भी कहा जाता हैं l

Topics: अड्डा ब्रेकिंग

आपका वोट

View Result

कुशीनगर में खराब विद्युत व्यवस्था का कारण क्या है?
News Addaa Logo

© All Rights Reserved by News Addaa 2020

News Addaa Breaking