Reported By: Ram Bihari Rao
Published on: Feb 14, 2022 | 6:42 PM
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रामकोला/कुशीनगर । गन्ना समिति रामकोला पी के सभागार में सोमवार को उत्तर प्रदेश गन्ना किसान संस्थान प्रशिक्षण केंद्र पिपराइच गोरखपुर द्वारा एक गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी में बसंत कालीन गन्ने की वैज्ञानिक खेती के प्रति लोगों को जागरूक करने, गन्ने के साथ सहफसली खेती को बढ़ावा देने के साथ ही गन्ना विकास योजनाओं के विषय में जानकारी दी गई।
गोष्ठी को संबोधित करते हुए गन्ना संस्थान के सहायक निदेशक ओमप्रकाश गुप्त बताया कि को.शा. 13235,को.शा. 8279, को.लख.14201, को. 118, को.से. 8452 ,13452, 11453, को. 98014, को.शा. 10239 सहित आदि गन्ने की उन्नत प्रजातियों की बुवाई करने से ही उत्पादन और चीनी परता बढ़ सकता है। किसान गन्ने की अली तथा सामान्य दोनों पर जातियों की बुवाई करें और इसके साथ सहफसली के लिए गन्ने के बीच इस समय भिंडी,कद्दू,प्याज, लोबिया , खीरा आदि की बुवाई करें। रामकोला त्रिवेणी चीनी मिल के प्रधान प्रबंधक गन्ना दिनेश राय ने बताया कि गन्ने का उत्पादन बढ़ाने के लिए भूमि उपचार और फसल चक्र के अनुसार बुवाई करना बहुत जरूरी है।क्षेत्र के किसानों के लिए बाहर से गन्ने की कुछ प्रजातियां मंगा रहा हूँ।चीनी मिल द्वारा 50 प्रतिशत अनुदान पर ट्राइकोडर्मा दिया जा रहा है।बीज का उपचार हेक्सास्टाप से करें।आज 11 फरवरी तक भुगतान बैंकों को भेजा जा रहा है।
ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक रामकोला नरेन्द्र कुमार सिंह ने बताया कि बीज गन्ना का आवंटन आ गया है किसान अपने गन्ना पर्यवेक्षक से मिलकर अपने लिए बीज सुरक्षित कराकर बुवाई करें।गन्ने की को.शा. 13235 तथा को.लख. 14201 का 22हजार सिंगल वड आवंटन हुआ है।संचालन कर रहे वरिष्ठ गन्ना प्रबंधक डॉ एस. पी. त्रिपाठी ने गन्ने में सूक्ष्म तत्व की उपयोगिता के साथ अन्य योजनाओं पर प्रकाश डाला। सेवरही गन्ना शोध के वैज्ञानिक बच्चा राव ने ट्रेंच विधि से होने लाभ की जानकारी दी।
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