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सुकरौली बाजार: धनुषयज्ञ व सीता स्वयंबर मे जयश्रीराम के उदघोष से गुंजायमान हुआ

Chandra Prakash Tripathi

Reported By:
Published on: Oct 17, 2021 | 7:13 PM
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सुकरौली बाजार: धनुषयज्ञ व सीता स्वयंबर मे जयश्रीराम के उदघोष से गुंजायमान हुआ
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  • वर्षों पुरानी हिंदी और भोजपुरी मिश्रित गंवई रामलीला की सजीव प्रस्तुति।

सुकरौली बाजार/कुशीनगर (न्यूज अड्डा) I कुशीनगर जिले के विकास खंड सुकरौली के सेमरी ग्राम सभा में पिछले 50 वर्षों से नवरात्र में खेले जा रहे रामलीला में राम भी घर के है और रावण भी। गांव के कलाकारों द्वारा रामायण की मनमोहक प्रस्तुति देखते ही बनती है

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सेमरी महेशपुर ग्रामसभा जो आजकल सुकरौली नगर पंचायत का एक हिस्सा है जहां पर सन 1972 से लगातार गांव के लोगों के द्वारा रामायण का मंचन किया जाता है जिसमें गांव के ही छोटे बड़े कलाकारों की विशेष भूमिका होती है राम, रावण, दशरथ, ऋषि और राक्षसों की भूमिका निभाते हुए गांव के कलाकारों को एक अलग प्रकार के आनंद की अनुभूति होती है। ।

रामलीला मंच पर राम के जन्म से लेकर सीता स्वयंवर तक का मंचन गांव के कलाकारों द्वारा बड़े ही सुंदर ढंग से किया गया। रामलीला की तैयारी महीनों पहले नेहरू इंटर कॉलेज के अध्यापक श्री लक्ष्मी नारायण मिश्र एवं हास्य कलाकार हरी लाल यादव के नेतृत्व में किया गया था।

रामलीला मंच का आयोजन ग्राम वासियों के सहयोग से विमलेश कुमार मिश्र द्वारा किया गया तथा कार्यक्रम के संचालन का जिम्मेदारी भी विमलेश मिश्र को ही थी। रामलीला का उद्घाटन फीता काटकर ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन हाटा तहसील के अध्यक्ष एवं सुकरौली के पूर्व ग्राम प्रधान अशोक कुमार पत्रकार ने किया । इस मौके पर रामलीला आयोजक के साथ-साथ सैकड़ों की संख्या में ग्राम वासी मौजूद रहे।

मंच पर प्रस्तुत गंवई कलाकारों द्वारा रामलीला हिंदी और भोजपुरी भाषाओं से मिश्रित काफी आकर्षक था। राम जन्म होने पर पूरे गांव के औरतों द्वारा बधाई गीत गाना तथा राम-लक्ष्मण, भरत एंव शत्रुघ्न बने छोटे-छोटे अबोध बच्चे जो दशक दीर्घा में से थे उनकी प्रस्तुति लोगों को खूब भाया। विश्वामित्र यज्ञ भंग करने आए राक्षसों का भी अभिनय भी देखने लायक था उनको देखकर ऐसा लग रहा था जैसे साक्षात श्रृंगी पर्वत के राक्षस ही हो। उनका अभिनय इतना सजीव था कि छोटे-छोटे बच्चे काफी देर तक डरे सहमे रहे ।वही बड़े लोगों ने रामलीला का भरपूर आनंद उठाते रहे।

सीता स्वयंवर में धनुष तोड़ने का राजाओं द्वारा प्रयास काफी हास्य पूर्ण रहा। दर्शक हंसते -हंसते लोटपोट हो गए परशुराम और लक्ष्मण संवाद भी देखने और सुनने योग्य था
मूपेन्द्र मिश्रा बने

प्रस्तुत रामलीला के आयोजक समिति पूर्व प्रधान तारा प्रसाद पाठक, शिक्षक राम व्यास मिश्र , लक्ष्मी मिश्रा ,नरेंद्र मिश्रा व राघवेंद्र मिश्रा और पप्पू गुप्ता एवं गंवई कलाकार पात्र सहित राजाजनक राम- मोहन मिश्रा, माँता सीता- बिहारी उर्फ चुलबुली, लक्ष्मण- प्रान्जल मिश्रा, विश्वामित्र- शशि भूषण मिश्रा, रावण- श्रीकिशुन मद्धेशिया, वाणासूर- विकास कन्नौजिया, बशिष्ठ- भूपेन्द्र मिश्रा, बन्दीजन- निरज मिश्रा, परशुराम- सत्यप्रकाश पाठक, श्रृंगिऋषि- अनुराग मिश्रा, राजा दशरथ- अवधेश कुमार मिश्र, हुड़दंग राजा- हरीलाल यादव , बल्देव- भृषभान गौड़, राजानयनपुर- बलाराम यादव, अन्यराजा- अजय गौड़, आदि ने रामलीला संजीव मंचन करके लोगों को भाव बिभोर कर दिया,

 

Topics: सुकरौली

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