Reported By: न्यूज अड्डा डेस्क
Published on: Aug 8, 2020 | 4:51 AM
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राजेश कुमार चौहान/न्यूज़ अड्डा
भारतीय जनता पार्टी की सरकार में कुशीनगर जनपद के गन्ना किसानों का तय सरकारी मानक से भी कम मूल्य पर कप्तानगंज चीनी मिल प्रबंधन द्वारा पेराई सत्र 2019-20 में गन्ना माफियाओं को रक्त बीज की तरह उत्पन्न कर बलुआ बिहार के नाम पर लाखों कुन्तल गन्ने की खरीद किया गया जिसके विरोध में यूनियन द्वारा फरवरी 2020 में आवाज उठाया गया था और माँग किया गया था कि मामलें की जाँच करायी जाय मगर प्रदेश सरकार और जिला गन्ना अधिकारी के तरफ से मामले की जानबूझ कर कोई जाँच नही कराई गई औऱ न ही संलिप्त लोगों पर आजतक कोई कार्यवाही की गई है जिसका नतीजा आज गन्ने की खेती करने वाले किसानों को न्याय नही मिल सका| यदि तत्काल ही मामले की न्यायिक जांच करा कर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही नही किया गया तो किसानों के साथ हुए धोखाधड़ी,भ्रष्टाचार के खिलाफ यूनियन न्यायालय मे जाने के लिये भी वाध्य हो सकती है। कप्तानगंज चीनी मिल ने गन्ने के माफियाओं को सरकारी तंत्र की सह पर संरक्षण दे रखा है और कप्तानगंज चीनी मिल मे ऐसे गन्ना माफियाओं को नौकरी दे रखी जो पूर्व से अवैध रूप से गन्ना खरीदने के कई मामले में नामित है तथा कप्तानगंज मे हुई अवैध गन्ना खरीदारी में भी पूरी तरह संलिप्त है जिसकी पूरी जानकारी उप गन्ना आयुक्त व जिला गन्ना अधिकारी को होने के बावजूद भी जिला प्रशासन, जिला गन्ना अधिकारी तथा उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा भी कोई कार्यवाही नही की गयी जो यह दर्शाता है कि भ्रष्टाचार हर एक लेवल पर ब्याप्त है| प्रदेश में बैठे गन्ना विभाग के मुख्य सचिव श्री संजय आर भूस रेड्डी जी द्वारा लगातार किसानों के हितों की बात अपने हर एक प्रेस वार्ता मे की गयी है लेकिन सरकार की ओर से गन्ना माफियाओं के ऊपर न ही कोई अंकुश लगाया गया और न ही कोई कार्यवाही किया गया।जनपद कुशीनगर मे कुछ नेताओं के सह पर बलुआ बिहार के नाम से किसानों का गन्ना खरीद करने वाले माफियाओं के विरुध्द पूर्ण दस्ताबेज होने के बावजूद भी कोई कार्यवाही नही किया जा रहा है| उक्त बाते भारतीय किसान यूनियन (अम्बावता) की जिला इकाई, कुशीनगर के जिलाध्यक्ष रामचन्द्र सिंह द्वारा एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से कही गयी। आगे श्री सिंह ने प्रेस विज्ञप्ति द्वारा बताया है कि सूबे के मुख्यमन्त्री माननीय योगी आदित्यनाथ जी से माँग करते है कि उक्त प्रकरण की यदि निपक्ष जाँच कराई जाय एवं सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के अंतर्गत जिला प्रशासन द्वारा बलुआ बिहार के नाम से खरीदे गये गन्ने एवं आपूर्ति किसानों की सूची, आधार कार्ड और बैंक खाते का विवरण तथा उनके गन्ना मुल्य भुगतान की जांच के लिये एक कमेटी गठित करके एक सप्ताह के अन्दर उक्त पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जाँचकर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही किया जाय यदि ऐसा नही किया गया तो हमारा यूनियन एवं जनपद के किसान न्याय के लिये आन्दोलन पर उतरने के लिये बाध्य होंगे जिसकी पूरी जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी।
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