Reported By: न्यूज अड्डा डेस्क
Published on: Nov 8, 2021 | 8:06 PM
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कुशीनगर। बहुचर्चित तमकुहीराज सिसवा अहिरौलीदान मुख्य जर्जर सड़क निर्माण की मांग को लेकर बीते चौदह अगस्त से उसी सड़क पर स्थित भूलिया बाजार में अनशनकारी मोहन तिवारी के नेतृत्व में 44 दिनों तक आंदोलन चला जिसमे अनशनकारी मोहन तिवारी को अवमनवीय ढंग से क्रूरता कर पन्द्रह दिनों के लिए जेल भी भेज दिया गया। अनशनकारी मोहन तिवारी ने प्रेसवार्ता कर पत्र के माध्यम से जानकारी दिए की तेरह अक्टूबर को जिलाधिकारी को लिखित सूचना दे दिया गया है कि तमकुहीराज सिसवा अहिरौलीदान मुख्य जर्जर सड़क निर्माण की प्रक्रिया शुरू नही किया गया तो आंदोलन किया जाएगा। वही दूसरी तरफ बीते सोमवार को सोशल मीडिया पर सड़क निर्माण टेंडर प्रक्रिया को लेकर पक्ष और विपक्ष में श्रेय लेने की होड़ मची है।प्रेसवार्ता के दौरान अनशनकारी मोहन तिवारी ने कहा कि जेल बंदी के दौरान कोई भी उस सड़क निर्माण को लेकर आवाज नही उठाया और नही किसी एक नए उनसे मिलने की कोई हिमाकत किया जबकि अनशनकारी मोहन तिवारी ने अपनी मांग को लेकर जेल बंदी के दौरान भी पंद्रह दिनों तक अनशन जारी रखे।अनशनकारी मोहन तिवारी ने कहा कि किसी पार्टी के नेता ने हाल चाल तक जानने नही पहुँचे। आगे उन्होंने कहा कि उसके लिए उन्होंने लाठी तक खाये,दो मुकदमों का आज भी झेल रहे है उनका मोबाइल तक छीन लिया गया, उन्होंने लंबे समय तक सड़क पर धूल मिटी में आन्दोलन करते रहे उन्होंने जनहित कार्यो के लिए अपना घर बार सब कुछ छोड़ कर भूखहड़ताल /अनशन तक जारी रखे।
उनका अभी तक टेंट का सामना,लैपटॉप तक नही मिला लाखो रुपये तक का नुकसान का सामना करना पड़ा है वही दूसरी और भारतीय जनता पार्टी के नेता और विपक्ष के नेता अपना श्रेय लेने की होड़ में लगे है। अनशनकारी मोहन तिवारी ने कहा कि वोट बैंक की राजनीति के लिए नेता झूठी श्रेय लेने के लिए इतना होड़ मची है नेताओं का स्तर इतना गिर जाएगा वह कभी सोचे नही थे। जबकि राहगीर आये दिन इस सड़क पर गुजरने वाले राहगीर घायल होते रहते है। सरकार और सरकार के जिम्मेदार नेता यदि इस मामले से गंभीर होते तो यह सड़क कुछ वर्षों पहले ही बन जाना चाहिए था पर इस सड़क को चुनावी मुद्दा बना कर इसे नेस्ताबूत होने तक छोड़ दिया गया क्षेत्र की जनता के साथ राजनीतिक पार्टियां छल छलावा करती रही जिसके चलते बाध्य होकर वह आंदोलित हए और अब विभिन्न दलो के लोग इस मुद्दे को राजनीति के दृष्टिकोण से भुनाना चाहते है पर जनता सब समझ रही है।
Topics: अहिरौली बाजार तमकुहीराज