गोरखपुर । अफसरों की मनमानी की खबरें तो हमेशा सुनने और पढ़ने को मिलता ही रहता है, लेकिन सूबे की मुखिया के गृह जिला में तैनात कोई अधिकारी अपनी मनमानी करता है,तो अटपटा लगाना स्वाभाविक है। क्यों कि प्रदेश सरकार के मुखिया और उनका अपना गृह जिला गोरखपुर तो निश्चित ही मन भारी हो जाता है। ऐसा ही एक मामला गोरखपुर के आरटीओ,एआरटीओ,और देवरिया जिला के आर टीओ पर लगा आरोप का हैं।
गोरखपुर संभागीय परिवहन अधिकारी कार्यालय में कामर्शियल लोडेड गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन में भेदभाव का मामला सामने आया है. जिला कुशीनगर के बसडीला बुर्जुग गांव के रहने वाले मृत्युंजय ठाकुर ने एआरटीओ से की गई शिकायत में कहा है कि आरटीओ में चुनिंदा वाहनों को लाभ पहुंचाने के लिए स्वीकृत लोड पर परमिट दे दिया गया है. लेकिन उनके वाहन का जानबूझकर परमिट नहीं दिया जा रहा है. मृत्युंजय ने बताया कि सम्भागीय निरीक्षक के द्वारा जानबूझकर उनके वाहन का परिमट रोका जा रहा है. उन्होंने मुख्यमंत्री, परिवहन आयुक्त और परिवहन मंत्री को संलग्न पत्र लिखकर न्याय पाने की गुहार लगाई है.
मृत्युंजय ने बताया कि वाहन संख्या यूपी 53 केटी 9546, 9547 और 9548 के लादान सहित भार जीवीडब्लू को बढ़ोत्तरी कर 51 टन का प्रमाण पत्र दिया गया है. वहीं, उनके वाहनों को जानबूझकर परमिट नहीं दिया जा क रहा है. पूछने पर संभागीय निरीक्षक की ओर से कोई भी वाजिब कारण नहीं बताया जा रहा है. उन्होंने एआरटीओ से गुहार लगाई है कि उनके भी वाहनों को नियमानुसार लोड परमिट जारी किया जाए ताकि उनका आर्थिक नुकसान न हो.
एक अन्य शिकायतकर्ता खोराबार के अ रानीडीहा गांव के रहने वाले अंकित मिश्रा पुत्र रत्नेश्वर मिश्रा ने सीएम पोर्टल पर शिकायत कर संभागीय निरीक्षक (आरआई) सीमा गौतम पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि सीमा द्वारा सैकड़ों कामर्शियल वाहनों की जांच अनैतिक ढंग से की गई है. उन्होंने आरआई के कार्यकाल के दौरान किए गए गलत कार्यों के जांच की मांग की है.
प्रमुख सचिव को अपनी पीड़ा बताते हुए मृत्यंजय ने उनसे गुहार लगाते हुए एक आवेदन दिया है कि भ्रष्ट लोक सेवक के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम-1988 की धारा-13 के संगत प्रावधानों के अन्तर्गत पदीय दुरुपयोग हेतु शस्तिअधिरोपित करते हुये उनके विरुद्ध वैधानिक कार्यवाही कराये जाने तथा आरटीओ गोरखपुर रामवृक्ष सोनकर, ए.आर.टीओ गोरखपुर अरुण कुमार व ए.आर.टी.ओ. देवरिया आशुतोष शुक्ला अपने पदीय दुरुपयोग कर एक लोक सेवक के रहते अपराधिक अवचार किया जाना आदि की बात कही है।
उन्होंने ने अपने आवेदन पत्र में लिखा है कि आवेदक मृत्युन्जय ठाकुर पुत्र स्व० रामध्यान ठाकुर ग्राम बसडीला बुजुर्ग पोस्ट सलेमगढ़ तहसील-तमकुहीराज जनपद-कुशीनगर का निवासी है तथा बेरोजगार होने के कारण अपनी रोजी-रोटी वास्ते लोन पर ट्रक लेकर माल-कुलाई से आय अर्जित कर अपने व अपने परिवारजनों का जीविकोपार्जन चलाता है। यह कि भ्रष्टाचार के आकण्ठ में डूबे आर.टी.ओ. गोरखपुर श्री रामवृक्ष सोनकर, ए.आर.टी.ओ. गोरखपुर श्री अरुण कुमार व ए.आर.टी.ओ. देवरिया श्री आशुतोष शुक्ला शासकीय धन का व्यपहरण करते हुये सामानान्तर लोड की गाडियों / मालवाहक ट्रकों का अलग-अलग मनमाने आचरण का परिचय देते हुये जी वी डबलु की स्वीकृति विभिन्न मानकों में दिया गया है। जिन वाहन स्वामियों से अनैतिक कार्यों हेतु पैसा लिया गया है। उनका जी वी डबलु का मानक मनमाने तरीके से बढ़ा दिया गया है तथा जो वाहन स्वामी उनके भ्रष्टाचार में शामिल नहीं हुआ है। उनका जी वी डबलु परिमिट का लोड मनमाने तरीके से अपना पदीय दुरुपयोग कर कम कर दिया गया है। जब कि सभी वाहन सामानान्तर एक ही लोड एंव मालवाहक क्षमता की है। तथापि उक्त से सर्वथा स्पष्ट है कि सामानान्तर सभी मालवाहकों/ ट्रकों का लोड क्षमता बराबर होने के बावजूद अपने हितबद्ध लोगों का जी वी डबलु की स्वीकृति मनमाने तरीके से शासकीय धन का व्यपहरण कर किया गया है, जो भ्रष्टाचार अधिनियम-1988 की धारा-13 लोक सेवक द्वारा अपराधिक अवचार की श्रेणी में आता है। जिसकी उच्च स्तरीय जांच कराकर भ्रष्टाचार के आकण्ठ में डूबे तीनों अधिकारियों के विरुद्ध शस्तिअधिरोपित कर विधिक कार्यवाही किया जाना न्यायहित में आवश्यक है।
शिकायत की जांच कराई जा रही है. शिकायतकर्ता की नियमानुसार मदद की जाएगी. जो भी इस मामले में दोषी पाया जाएगा, उसपर कार्रवाई की जाएगी- रामवृक्ष सोनकर, आरटीओ
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