Reported By: न्यूज अड्डा डेस्क
Published on: Jun 7, 2021 | 1:37 PM
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कप्तानगंज/बस्ती। भगवान भक्त के प्रेम के वशीभूत होते हैं। भक्त की रक्षा के लिए भगवान मर्यादा भी तोड़ देते हैं। यह प्रेम ही था कि भगवान श्रीकृष्ण ने महाभारत युद्ध के दौरान अर्जुन की रक्षा के लिए शस्त्र न उठाने की अपनी प्रतिज्ञा तोड़ डाली।
सोमवार को यह बातें कथा व्यास पं चंद्रभान मिश्र ने कही। वे कप्तानगंज क्षेत्र के ग्राम महुवारी में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा का रसपान करा रहे थे।
कथा व्यास पं चंद्रभान मिश्र ने कहा कि कलयुग में श्रीमद् भागवत कथा एक ऐसा सार है,जिसे सुनकर सारे पाप नष्ट हो जाते हैं।
कथा व्यास श्री मिश्र ने कहा कि कुरुक्षेत्र में भगवान कृष्ण न्याय हित में पांडवों के पक्ष में तो थे किन्तु शस्त्र न उठाने की प्रतिज्ञा की थी। भगवान कृष्ण अपने प्रिय अर्जुन के सारथी बन गए । युद्ध के दौरान भीष्म ने वाणों की बौछार कर दी। पांडव सेना में हाहाकार मच गया। सैनिक अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे। जब किसी के रोके भीष्म न रुके तब भगवान कृष्ण ने सुदर्शन चक्र उठा लिया। वह भीष्म की तरफ मारने के लिए दौड़े तो भीष्म ने कहा की अब तो मुझे मार ही डालो लेकिन सुनो, मेरी प्रतिज्ञा पूरी हुई और तुम्हारी टूट गई। हे केशव शस्त्र उठाने पर मैंने आपको विवश कर दिया। कथा को आगे बढ़ाते हुए कथा व्यास पं चंद्रभान मिश्र ने कहा कि वृद्धों का आशीर्वाद लेने से आयु, यश, बल, धन और विद्या बढती है ।
इस दौरान मुख्य यजमान शकुंतला देवी,राम अजोर गिरि, रमेश गिरि अनिल कुमार गिरि, संजय गिरि, जनार्दन गिरि, दुर्गावती देवी,चंद्रमा देवी,मालती देवी, अमेरिका देवी,ऊषा देवी, प्रीति, चांदनी, संध्या, सुनील, सुशील,मीना गिरी,सीमा सहित आदि मौजूद रहे ।