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अक्साई चिन की मुक्ति के लिए बीटीएसएस चीनी मंदिर पर प्रदर्शन…साठ साल पुराने संकल्प को पूरा कराएं पीएम मोदी- ओझा

न्यूज अड्डा डेस्क

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Published on: Nov 14, 2023 | 8:17 PM
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अक्साई चिन की मुक्ति के लिए बीटीएसएस चीनी मंदिर पर प्रदर्शन…साठ साल पुराने संकल्प को पूरा कराएं पीएम मोदी- ओझा
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कसया/कुशीनगर। भारत तिब्बत समन्वय संघ कुशीनगर इकाई द्वारा संसद संकल्प स्मरण दिवस के साठवीं बरसी पर मंगलवार को कुशीनगर स्थित चीनी मंदिर पर 40 हजार वर्ग किमी अक्साई चिन को मुक्त कराने की मांग को लेकर भारत तिब्बत समन्वय संघ के सह क्षेत्रीय संयोजक मनोज शर्मा सारस्वत के नेतृत्व में जोरदार प्रदर्शन किया गया। इसके पूर्व हनुमान इंटरमीडिएट कॉलेज पडरौना में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें आह्वान किया गया कि सांसदों को उस संकल्प का स्मरण कराया जाए, जिसमें 60 वर्ष पूर्व देश की संसद ने चीन के कब्जेवाली 40 हजार वर्ग किमी भूभाग को मुक्त कराने के लिए संकल्प लिया गया था।

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उक्त प्रदर्शन के माध्यम से भारत तिब्बत समन्वय संघ का उद्देश्य है कि देश के प्रधानमंत्री मोदी, प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ संघ के इस अभियान को नेतृत्व प्रदान करें। ताकि संसद में 60 वर्ष पूर्व हुए संकल्प को पूरा किया जा सके। इसके साथ ही मानवता के कलंक दुष्ट चीन को संदेश दिया जाए कि भारत की जनता न सिर्फ तिब्बतियों के साथ खड़े है , बल्कि बल्कि अक्साई चिन की मुक्ति के लिए संगठित हो चुके हैं। इससे पूर्व पडरौना में आयोजित संगोष्ठी को संबोधित करते हुए वरिष्ठ वैज्ञानिक मुख्य अतिथि वैज्ञानिक दिवाकर ओझा ने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साथ साल पुराने संसद द्वारा लिए गए संकल्प को संसद से पूरा कराने का संकल्प पूरा कराएं। क्योंकि मोदी जैसा दृढ़ निश्चयी और मजबूत प्रधानमंत्री देश की जनता को पहली बार मिला है। इसलिए देश की राष्ट्रवादी जनता की उम्मीदें बलवती हुई हैं। उन्होंने कहा कि सन 1962 की लड़ाई में चीन द्वारा भारत की 40000 वर्ग किलोमीटर भूमि कब्जा कर लिया था। आज हम 60 वर्ष बाद भी अपने 40000 वर्ग किलोमीटर भूमि को चीन से मुक्त नहीं कर पाए। जबकि आज हमारे भारत को एक सशक्त प्रधानमंत्री और एक राष्ट्रीय सोच की पार्टी को नेतृत्व प्रदान है। विद्यालय के प्रबंधक व भारत तिब्बत समन्वय संघ के क्षेत्रीय सहसंयोजक मनोज शर्मा ने कहा कि तिब्बत और भारत में कोई भिन्नता नहीं है। दोनों की संस्कृति दोनों की पूजा पद्धति और दोनों के विचार एक समान है। तिब्बत और भारत पड़ोसी मुल्क हैं। चीन तो आक्रमण आक्रमण करके कब्जे में ले रखा है। जबकि हमारी संस्कृति का मूल है शिव तत्व है और शिव भोले शंकर की मूल स्थल स्थल कैलाश मानसरोवर जो चीन के कब्जे में है उसको मुक्त करना हम भारतीयों के लिए नितांत आवश्यक है। ऐसे में आज 60 वर्ष बाद हम अपनी सांसदों को अपने जनप्रतिनिधियों से अपेक्षा करते हैं कि आप लोग बाकी चीज करते हुए अपनी 40000 वर्ग किलोमीटर भूमि को छुड़ाने हेतु अपना योगदान अवश्य दें। जिससे कि भारत मां पूरी तरह से स्वतंत्र हो सके। क्षेत्रीय सह संयोजक बौद्धिक प्रभाग डॉक्टर सुनीता पांडेय ने कहा कि परम पावन दलाई लामा भारत आए। उसी के साथ जो नेहरू जी का भारत चीनी भाई-भाई का नारा था, उसको चीन ने ध्वस्त कर दिया। हम लोगों को भारत सरकार से पूरी अपेक्षा भी है और ऐसे में जबकि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं।हम कुशीनगर की इस धरती से आह्वान भी करते हैं कि मुख्यमंत्री जो धार्मिक पृष्ठभूमि से भी हैं और ऐसे पीठ के महंत हैं जो राम जन्मभूमि संघर्ष समिति के द्वारा संघर्ष करके आज राम मंदिर को मुक्त मुहूर्त रूप दिए हुए हैं। ऐसे में अब कैलाश मानसरोवर की बारी है। भारत तिब्बत समन्वय संघ गोरक्ष प्रांत के उपाध्यक्ष शैलेंद्र दत्त शुक्ल ने कहा कि आज सांसद संकल्प दिवस के साथ में भारती पर सर्वप्रथम उन नेताओं को हम स्मरण करते हैं, जिन्होनें उक्त संकल्प लिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के रूप में यह प्रदेश जिस प्रकार रामजन्म भूमि मुक्ति आंदोलन के बाद भव्य राममंदिर बन रहा है। ऐसे में चाहे कैलाश मानसरोवर हो या फिर 40000 वर्ग किलोमीटर भारत की भूमि हो हम लोग निश्चित रूप से आश्वस्त हैं कि हमारे प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नेतृत्व में हम सभी अपने देश की एक-एक इंच भूमि वापस लेकर रहेंगे। संघ की महिला विभाग की जिलाध्यक्ष मीनू जिंदल ने संगठन के द्वारा दिए गए जिम्मेदारियां का बखूबी निर्माण करने का आश्वासन देते हुए भारत तिब्बत संबंध में संघ के लिए पूर्ण योगदान हेतु समर्पण की भावना जाहिर की। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विष्णु प्रभाकर पांडेय ने कहा कि भारत मां की एक-एक इंच भूमि हम चीन से वापस लेकर रहेंगे। पूरा संत समाज विद्वान समूह सभी एकजुट हो चुके हैं। अब जरूरत है अपने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व योगी आदित्यनाथ का आह्वान किया जाए कि वह भारत तिब्बत संबंध में संघ की इस संकल्पना को अपने हाथों में ले गति प्रदान करें। जिससे कि यथाशीघ्र चीन के कब्जे से भगवान शंकर की मूल स्थल कैलाश मानसरोवर को और भारत मां की 40000 वर्ग किलोमीटर भूमि को छुड़ाया जा सके। इसी के साथ विष्णु प्रभाकर पांडे जी ने आवाहन किया की सभी तरह के लोगों को भारत विकास भारत तिब्बत संबंध में संघ से जोड़कर एक आदर्श प्रस्तुत करना चाहिए।कार्यक्रम में मुख्य रूप से अमित राव विवेक शर्मा सारस्वत उसे पांडे उमेश प्रसाद प्रदीप मिश्रा हरेंद्र कुशवाहा सचिन मद्धेशिया आदि लोगों उपस्थित रहे कार्यक्रम का संचालन राकेश त्रिपाठी ने किया।

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