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कुशीनगर: नीम हकीम खतरे जान-भाग -चार…हजूर! आप भी जान लीजिये दाल में कुछ कला नहीं, पूरी दाल ही काली है! अलम्ब -बलम्ब डॉक्टर तेरे झोले में क्या है?

Surendra nath Dwivedi

Reported By:
Published on: Jan 31, 2022 | 8:30 AM
715 लोगों ने इस खबर को पढ़ा.

कुशीनगर: नीम हकीम खतरे जान-भाग -चार…हजूर! आप भी जान लीजिये दाल में कुछ कला नहीं, पूरी दाल ही काली है! अलम्ब -बलम्ब डॉक्टर तेरे झोले में क्या है?
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कुशीनगर । हजूर नीम हकीम लोगो के मकडजाल के तने मजबूत क्यो न हो जब पूरी दाल ही काली है, मासिक,त्रैमासिक,अर्धमासिक सुबिधा शुल्क की आदान प्रदान इनको इतना मजगूत कर चुके है,की बेलगाम,निर्भीक होकर भोली -भाली जानता के जेब पर डाका मारने में कंजूसी नही करते। हजूर चिर निद्रा तो तोड़िये,आप भी देखिये की सीमावर्ती क्षेत्रों में ये नीम हकीम के काली करतूतों को काश!एक बार—?

आज की हॉट खबर- कुशीनगर: इश्क़ में हिम्मत तो थी, पर किस्मत नहीं —...

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जानकारी हो की सीमावर्ती बाजारों के पड़ताल में यह तस्बीर सामने दिखने लगी है की ये झोला छाप डॉक्टरों के सह पर किस तरह रंग-बिरंगी सुनहले साइन वोर्ड , पर डिग्रिया, फला, -फला के किस तरह सज रही है। इतना ही नही अल्ट्रासाउंड भी पर कोई चिकित्सक विशेषज्ञ नही है,फिर भी मोटी कमशीन के चक्कर मे इनका भी लहर दौड़ रहा है। कोरोना काल मे भी ये झोला छाप नीम हकीम अपनी हरकतों से बाज नही आ रहे है,आखिर इनको हिम्मत कहा से आई,यह भी एक तर्ज संगत मसला है। मेडिसिन विभाग से जुड़े लोगों के बातो पर हम विश्वास करें तो यह मात्र एक सुविधा शुल्क का देन है जो इनको हीमत देने की संजीवनी बन चुकी है। अगर बात हम करते है दवा के दुकानदारों की तो यह स्पष्ट निर्देश है की फुटकर दवा के दुकानदारों के प्रतिष्ठान पर फार्मासिस्ट होना अनिवार्य है,तभी उन्हें फुटकर का लाइसेंस जारी होता है। लेकिन यह निदेश सीमावर्ती कस्बा सलेमगढ़ के फुटकर दुकानों के लिये ढाक के तीन पात है। हजूर इसका कारण क्या है।

पड़ताल टीम को सूत्र ने जो बताया उस पर विश्वास करे तो कुछ विभागीय के सम्बंधित कथित ठीकेदार द्वारा इन दुकानदारों,व झोला छाप नीम हकीम से सुबिधा शुल्क वसूल कर साहब लोगो के चौखट तक पहुचाते है, जिनके दया पर इनके कारोबार पर अंकुश नही लगता। इतना ही नही कोई भी जाँच टीम आने के पहले इनको सूचना मुहैया करना उन कथित ठीकेदारों का होता है।जाच से आंच नही आये,उनके सतर्क करते है,सूचना मिलते ही ये सब शटर बन्द,नो दो ग्यारह हो जाते है। क्या करे भोली भाली जनता साहब, एक बार आपके निगाहे करम इधर पड़ता, काश मात्र केवल—-!! (क्रमशः)

क्या कहते है सीएमओ कुशीनगर: जब इस बिषय में कुशीनगर सीएमओ से सम्पर्क किया गया, तो वह बहुत ही सन्तोष जनक उतर दिए,उन्होनो कहा की प्रकरण काफी गम्भीर है,कार्यवाही होनी चाहिये,मेडिकल की दुकानों की चेकिंग औषधि निरीक्षक करते है,रहा बात अल्ट्रासाउंड, झोला छाप नीम हकीमो की तो हमारी टीम हमेशा जाँच करती रहती है। निश्चित ही वहाँ भी आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।

Topics: अड्डा ब्रेकिंग

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