Reported By: Sanjay Pandey
Published on: Jun 20, 2022 | 9:10 PM
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खड्डा/कुशीनगर। खड्डा परिक्षेत्र में गन्ना विकास के लिए शासन द्वारा विभिन्न प्रकार की योजनाएं चलाई जा रही हैं। गन्ने की वैज्ञानिक खेती के प्रति कृषकों को जागरूक करने और गन्ना विकास योजनाओं को किसानों के खेतों तक पहुंचाने के लिए उ.प्र गन्ना किसान संस्थान प्रशिक्षण केंद्र पिपराइच द्वारा खड्डा विकास खंड के पकड़ी बृजलाल गांव में गन्ना विकास गोष्ठी का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर गन्ना संस्थान के सहायक निदेशक ओमप्रकाश गुप्ता ने बताया कि क्षेत्र में गन्ना प्रजाति को.0238 में रेड राट रोग कैंसर लगने तथा जिले में सर्वाधिक वर्षा होने के कारण 3 वर्षों में 12 लाख कुंतल गन्ना लगभग 35 करोड़ से अधिक सुख गया। जहां भुजौली, मठियां, लखुआ के पूरब आदि क्षेत्र का तमाम गन्ना सूख गया वहीं चार हजार से अधिक छोटे किसानों ने गन्ना की बुआई छोड़ दिया है। वर्ष 2018 में 19 हजार किसानों ने चीनी मिल को गन्ना बेंचा। वर्ष 2021- 22 में 14 हजार किसानों ने गन्ना बेंचा है। सहायक निदेशक ने बताया कि सूखने वाली गन्ना प्रजाति को.0238 के जगह पर को. ल. 14201, 94184, को.से. 11453, 13452, को.शा. 13235 की बुआई करें। इस समय आधा लीटर नैनो यूरिया 125 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करने की सलाह दी। शोध संस्थान के वैज्ञानिक डॉ बीके मिश्रा ने बताया कि कीटनाशकों के अधिक प्रयोग से जल, मिट्टी और वायु प्रदूषण बढ़ रहा है। सड़ी गोबर की खाद का प्रयोग करें। पादप रोग गन्ना वैज्ञानिक डॉक्टर विवेक सिंह ने बताया कि रेड राट रोग के नियंत्रण के लिए कोई दवा नहीं बनी है। अतैव सावधानी बरतें। गोष्ठी में गन्ना पर्यवेक्षक अरुण कुमार तिवारी, वीरेंद्र सिंह, राजेंद्र यादव, नरेश कुमार, संदीप पाठक, हरिलाल, हरिशंकर, यासीन, जगरनाथ, रामप्रीत, रामजी, होसिल साहनी आदि मौजूद रहे।
Topics: खड्डा