Reported By: Farendra Pandey
Published on: Sep 9, 2021 | 9:15 PM
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कुशीनगर। जिलाधकारी एस राजलिंगम द्वारा डेंगू एवं ए0ई0एस0 व वेक्टर जनित रोगों के रोकथाम एवं प्रभावी नियंत्रण हेतु मुख्य चिकित्सा अधिकारी को दिए गए निर्देश के क्रम में मुख्य चिकित्साधिकारी सुरेश पटारिया ने सभी सम्बन्धित विभागों को निर्देशित किया है कि मानसून एवं मॉनसून के पश्चात ड़ेंगू एवं अन्य वेक्टर जनित रोगों में सर्वाधिक वृद्धि हो जाती हैं जिससे काफी जनहानि होने के संभावना रहती हैं। अतः मॉनसून के पूर्व ही इन रोगों पर प्रभावी नियंत्रण एवं रोकथाम हेतु आवश्यक अपेक्षितकार्यवाही कर ली जाये।
1- शिक्षा विभाग- विद्यालय के प्रधानाचार्यो नामित शिक्षक को निर्देशित करने का कष्ट करें कि की प्रार्थना के समय उक्त बीमारी से बचाव एवं नियंत्रण हेतु क्या करें और क्या ना करें से सम्बंधित जानकारी प्रार्थना स्थल पर छात्रों को प्रदान कर जागरूक किया जाए। विद्यालय परिसर में समुचित सफाई रखे जाएं , फूल आस्तीन के कपड़े / ड्रेस पहनने पर बल दिया जाए। नाटक/सेमिनार/संगोष्ठी के माध्यम से डेंगू बचाव के उपाय बताए जाएं तथा विद्यालय परीक्षा में मच्छरों के प्रजनन स्थल को नष्ट किया जाए। ज्वार से पीड़ित होने के कारण से अनुपस्थित बच्चों को सूचना मुख्य चिकित्साअधिकारी कार्यालय कुशीनगर अति शीघ्र उपलब्ध कराई जाए।
2- सिंचाई विभाग- नहरो एवं अन्य स्रोत से जो पानी सिंचाई के लिए दिया जाता है सुनिश्चित किया जाए कि किसान बस्तियों के आसपास जलभराव न होने दे। इस प्रकार का व्यवहार किसानों को बताया जाए।
3- कृषि विभाग- यह अवश्य सुनिश्चित करा लें कि कोई भी किसान अपने ग्राम के आवासीय क्षेत्र में अनावश्यक जल जलभराव तो नहीं किया है।
4- वन विभाग- मछरों का प्रजनन उथले जल के जलाशयों एवं पेड़ों की खो में होता हैं जिसे चिन्हित कर अनावश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करें।
5- जल निगम विभाग- आपसे अपेक्षा है कि शहर में बने ओवरटेक टैक्स के नियमित सफाई कराई जाए एवं टंकियों के ढक्कन और एयर टाइट बनाएं तथा पाइप लाइन बिछाने के पश्चात गड्ढों को तत्काल बंद करा दिया जाए ताकि जलभराव से बचा जा सके।
6- नगर पालिका परिषद नगर पंचायत- घरों के अंदर अनावश्यक जल भराव, ओवर हेड टैक्स की सप्ताहिक सफ़ाई आदि के बायलाजे के अनुसार प्रभावी प्रयोग करते हुए इन समस्याओं से निजात कराएं। मुख्यत: प्रजनन काल में इस तरह की कार्रवाई अति आवश्यक एवं अपेक्षित है।
7- पंचायत राज विभाग- जल भराव स्थलों को समाप्त करना।नालियों एवं नालों में जल बहाव को अवरोधित न होने देना। ग्राम स्वास्थ्य एवं स्वच्छता समिति के सक्रिय करते हुए फंडिंग एवं लार्वीसाईडल छिड़काव सुनिश्चित कराया जाए। हैंडपंप कुएं के पास अनावश्यक जल एकत्रित न होने दिया दे।
8- मनोरंजन कर विभाग- रेडियो एफ0एम0 केबल टीवी पर समय-समय पर वेक्टर जनित रोगों से बचाव एवं नियंत्रण की जानकारी सिनेमा स्लाइड बनाकर हाल में प्रचार हेतु दिखाना।
9- ग्राम विकास अधिकारी- अनावश्यक जलभराव स्थलों को समाप्त करना तथा भूमि के उपयोगार्थ करना। नालियों एवं नालों में जल बहाव को अवरोधित ना होने देना। जलभराव वाले स्थलों की सफाई हम उस में मिट्टी का तेल डालकर मच्छर प्रतिरोधक दवा डालने की व्यवस्था की जाए।
10- समाज कल्याण- रोगों के संचरण काल में आवश्यक अनुसार ड्रेस का निर्धारण निःशुल्क उपलब्ध करा चिकित्सीय सुविधाओं की जानकारी एवं पूर्ण उपचार सुनिश्चित कराने में योगदान तथा रोग वाहक जल स्त्रोतों को समाप्त करने तथा सरकारी चिकित्सालयो/सामुदायिक / प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तथा अन्य संस्थागत चिकित्सालयो में उपचार प्रदान करने में सहयोग।
11- स्वास्थ्य विभाग– सामुदायिक/ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में 04-04 बेड एवं संयुक्त जिला चिकित्सालय में 10 बेड का मच्छरदानी युक्त अलग वार्ड रखा जाए। चिकित्सालयो में फीवर हेल्प डेस्क की स्थापना अवश्य कर ली जाए डेंगू जांच की पुष्टि हेतु रोगी को रक्त नमूना सेंटिनल सर्विलांस को उपलब्ध कराया जाए।
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